बिहार में 'टॉपर फैक्ट्री', जानें कितने लाख में बनते हैं टॉपर
नयी दिल्ली। बिहार बोर्ड टॉपर्स विवाद मामले में नए-नए खुलासे हो रहे हैं। ताजा खुलासा आरजेडी के एमएलसी सुबोध राय ने किया है। उन्होंने बताया है कि कैसे विशुन राय कॉलेज का प्रिंसिपल भारी-भरकम रकम लेकर बच्चों को टॉपर बनाता था। बिहार: कॉपी कोड हटा कर बच्चा राय की बेटी को कराया गया टॉप
एक टीवी चैनल के साथ इंटरव्यू के दौरान सुबोध राय ने कहा कि उन्हें इस मामले की जानकारी पहले से ही थी। उन्हें यह भी पता था कि हाजीपुर में किस तरह बच्चा राय टॉपर्स बनाने का काला कारोबार चलाता था। हाजीपुर के ही रहने वाले हैं सुबोध राय ने बताया कि कैसे बच्चा राय बच्चों और अभिभावकों से पैसे की उगाही करता था। रिव्यू एग्जाम में साइंस टॉपर फेल, कहा ऐसे सवाल पूछे तो सुसाइड कर लूंगा
जानें कैसे बनते थे टॉपर्स
सुबोध राय के मुताबिक बच्चा राय छात्रों को टॉप करवाने के लिए उनसे 1 लाख से 2 लाख रुपये तक वसूलता था। टॉप कराने के बाद मार्कशीट और सर्टिफिकेट के लिए अलग से पैसे लिए जाते थे। उसकी सेटिंग परीक्षा सेंटर से लेकर बिहार बोर्ड के दफ्तर तक होती थी। अगर कोई छात्र किसी की पैरवी पर आता तो भी बच्चा राय उससे एक्स्ट्रा पैसे चार्ज करता था।
आरजेडी का कोई रिश्ता नहीं
सुबोध राय ने कहा कि बच्चा राय का आरजेडी से कोई संबंध नहीं है। आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव से ही कोई लिंक है। वो लोगों के सामने खुद को आरजेडी का बताया था, लेकिन वास्तविकता कुछ अलग है। उन्होंने कहा कि टॉपर्स घोटाला मामले में जो भी मुख्य आरोपी हैं सभी पर कार्रवाई होगी, बच्चा राय भी जल्द ही गिरफ्तार हो जाएगा।