वेलडन नीतीश! कुएं के अंदर से खोज निकाली ढाई हजार लीटर शराब
पटना। बिहार में शराब पर प्रतिबंध लगाने वाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रशासन की तारीफ करनी होगी। जिस कड़ाई से शरबबंदी के नियम को लागू किया जा रहा है, वह एक दिन भविष्य को जरूर बेहतर बनायेगा। कल ही नीतीश ने कहा था, "या तो मैं रहूंगा या शराबखोर"! बस दूसरे ही दिन बिहार पुलिस की टीम ने कुआं खोद कर उसमें छिपायी गई ढाई हजार लीटर शराब जब्त कर ली।
पढ़ें-
बिहार
में
बंटी
बबली
और
कैटरीना
का
जलवा
बिहार के मुंगेर जिले की पुलिस ने शराब बंदी अभियान के तहत एक शराब माफिया के रैकेट का पर्दाफाश किया। पुलिस ने एक साथ 2500 लीटर शराब बरामद की है। इस मामले में पुलिस ने 2 लोगों को गिरफ्तार भी किया है। दोनों से पूछताछ के बाद गांव के अन्य स्थानों पर छापेमारी की जा रही है।
क्या कहा नीतीश ने
नीतीश ने अपने संबोधन में कहा कि या तो हम रहेंगे या फिर शराबखोरी करने वाले रहेंगे। हमने ना सिर्फ शराब बंदी की है बल्कि शराब बेचने वाले, बनाने वाले व पीने पिलाने वाले, सब पर कठोर कार्रवाई के लिए कानून भी बनाया है।
पढ़ें- सनफिक्स को नशे के रूप में ले रहे बिहार के नशेड़ी
ग्रामीण
विकास
विभाग
के
जीवका
की
ओर
से
आयोजित
अभिनंदन
समारोह
में
नीतीश
ने
कहा
कि
हमने
केवल
कानून
नहीं
बनाया
है
बल्कि
इसके
लिए
वातावरण
का
भी
निर्माण
किया
है।
कल
तक
जो
लोग
सारे
पैसे
शराब
में
खर्च
कर
देते
थे,
वह
आज
अपने
बच्चों
की
जरूरतों
पर
ध्यान
दे
रहे
हैं।
पत्नी से अच्छा बर्ताव करने लगे हैं। शाम के बाद गांव घरों में जो झगड़ा होता था, उसमें कमी आयी है। चौक चौराहे पर भी शांति है। यही स्थिति बनी रही तो निश्चित रूप में एक दिन गांव व समाज में खुशहाली आ जाएगी।
बिहार को 5000 करोड़ की हानि
नीतीश ने कहा कि शराब बंदी से भले ही तत्काल सरकारी खजाने को 5 हजार करोड़ रुपए की क्षति हुई है, लेकिन आने वाले समय में लोगों की खुशहाली से करोड़ों का राजस्व प्राप्त होगा। बचत होगी तो खुशियाली आएगी पैसे बचेंगे तो लोग टेक्स भी देंगे। वे दरभंगा मेडिकल कॉलेज के ऑडिटोरियम में जीवका समूह की महिला सदस्यों की सभा को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि सामाजिक परिवर्तन की बुनियाद बढ़ गई है। अब बड़ा माहौल बनना है। साथ ही मुख्यमंत्री ने लोगों से कहा कि यदि कहीं शराब की भट्ठी दिखे तो उसे तोड़ दीजिए, सरकार आपके साथ है। शराब पीना और व्यवसाय करना मौलिक अधिकार नहीं है। हम वही करेंगे जो आप चाहते हैं। कुछ लोग ताड़ी के नाम पर एक वर्ग को बरगला रहे हैं। जब तक हम रहेंगे तब तक ये सब नहीं चलेगा।