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पढ़ें बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के दिल की बात

By Ajay Mohan
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पटना (मुकुंद सिंह)। प्रधानमंत्री मोदी के मन की बात तो आप हर हफ्ते सुनते हैं, आज थोड़ा वक्त बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के साथ बिताइये। क्योंकि वो रख रहे हैं अपने दिल की बात-

<strong>आलोचकों को तेजस्वी का जवाब..कहा किताब की पहचान कवर से नहीं होती</strong>आलोचकों को तेजस्वी का जवाब..कहा किताब की पहचान कवर से नहीं होती

Bihar deputy CM Tejaswi Yadav's Dill ki Baat

प्रिय साथियों, आप सब की लगन, प्यार, समर्थन और अथक परिश्रम के फलस्वरूप मुझे अहम ज़िम्मेदारी मिली है। हम सबके लिए असली संघर्ष का समय अब शुरू हुआ है। जब हमें दुगने उत्साह और समर्पण के साथ बिहारवासियों की सेवा करनी है। इसका जितना श्रेय हमारे समर्थकों और कार्यकर्ताओं को जाता है, उतना ही श्रेय उन आलोचकों को भी जाता है, जिन्होंने अपनी नकारात्मक बयानों और आलोचनाओं से मुझे आत्मचिंतन एवम मनन करने के साथ-साथ और अधिक परिश्रम करने के लिए प्रेरित एवम उत्साहित किया। मुझे इस मंजिल तक पहुँचाने के लिए मैं तहे दिल से उन सबका शुक्रगुजार हूँ।

चुनाव का समय सचमुच एक चुनौतीपूर्ण समय था। निजी तौर पर यह समय मेरे लिए और भी अधिक चुनौतीपूर्ण था। ना सिर्फ इसलिए क्योंकि मैं चुनावों में एक प्रत्याशी के रूप में लोकतंत्र के महासमर में अपना भाग्य आजमा रहा था, बल्कि इसलिए भी क्योंकि मैं विपक्षी दलों के वरिष्ठ से वरिष्ठ नेताओं के निशाने पर भी था और एक विराट व्यक्तितव के पुत्र होने के नाते वंचितों की आकांक्षों और उम्मीदों की अहम जिम्मेवारी का अहसास बोध भी मुझे था।

जितनी मेरी उम्र नहीं उतना उनका अनुभव है

राजनीति में आलोचना करना स्वाभाविक है, शायद ज़रूरी भी, पर विपक्ष के वरिष्ठ से वरिष्ठ नेताओं ने जिस तरह के निम्न स्तर की बातें करके ना सिर्फ भावनाएँ आहत कीं, बल्कि लोकतान्त्रिक मर्यादाओं को भी तार तार किया, इससे मैं स्तब्ध रह गया। जितनी मेरी उम्र नहीं उतना उन नेताओं को सत्ता का अनुभव है और वो नेता निम्नस्तर पर जाकर अनर्गल बयानबाज़ी करते हैं तो समझिये और जानिए वो आने वाली पीढ़ी को लोकतंत्र का क्या पाठ पढ़ा रहे हैं?

नेता वह नहीं होता जो किसी भी कीमत पर चुनाव जीतने को आतुर दिखे, बल्कि वह होता है जो अपने शालीन व्यवहार से लोगों के सामने उदहारण पेश करे और सभी वर्गों को मिलाकर नेतृत्व कर सके। मुझ जैसे युवा जब राजनीति के गलियारों में सकुचाए कदम बढ़ाते हैं, तो प्रेरणा और हिम्मत के लिए राजनीति के नामचीन हस्तियों की ओर देखते हैं, बिन मांगे उनसे मार्गदर्शन पाते हैं और धीरे धीरे आगे बढ़ते हैं। पर जब यही महानुभाव हम जैसे युवा नेताओं पर उनकी समर्थित संस्थाओं के माध्यम से आधारहीन व्यक्तिगत, छिछले, अनगर्ल और बचकाने आरोप लगाते हैं, तो सबको निराशा होती है। निजी आक्षेप लगाना, कारण जानने के बावजूद विभिन्न मुद्दों पर मज़ाक बनाना, और राजनीति की भाषा को इसके निम्नतम स्तर पर ले जाना भारत के राजनीतिक पटल पर दिग्गज के रूप में स्थापित प्रतिष्ठित नेताओं को शोभा नहीं देता है।

बेवजह मेरे शपथपत्र को तूल दिया गया

यह जानते हुए कि मैं शुरू से ही क्रिकेट में रूचि रखता था और क्लब क्रिकेट, अंडर 15, अंडर 19, आईपीएल और रणजी ट्रॉफी में नियमित रूप से भाग लेने के कारण मेरा पूरा ध्यान खेल पर था और उस वक़्त वही मेरी विशेषज्ञता थी, सब जानते हैं क्रिकेट में बाकी खेलों के मुकाबले ज्यादा वेतन मिलता है इसके बावजूद चुनावी शपथ पत्र में मेरे द्वारा दिखाई गई वास्तविक राशि को भी विपक्षी लोगों द्वारा मुद्दा बनाने की कोशिश की गई, वही दूसरी और उम्र विवाद के सही कारण भली भांति जानते हुए भी चुनाव के मद्देनज़र बेवजह तूल दिया गया।

विवाद पैदा करने के लिए ये मुद्दे ठीक हैं, पर समझदार जनता इन मुद्दों पर अपनी सरकार नहीं चुनती। लोकतंत्र में किसी के किये गए कार्यो की सराहना या भर्त्सना होनी चाहिए और उसकी योग्यता उसकी कार्य क्षमता से आंकनी चाहिए ना की उसकी डिग्रियों से। उपेक्षित, उत्पीड़ित, भूखे ,नंगे, वंचित, शोषित, मजलूमों ,दलितों और गरीबों के हित में योजनाये बनाने के लिए किसी स्कूल या कालेज जाने की जरूरत नहीं होती। सवैंधानिक पद पर बैठकर जब आपको मजलूम समुदाय के लिए योजनाये बनानी होती है तो आपका उनके बीच रहकर जीने की और उनकी समस्याओं को जानने की, समझने की योग्यता ही काफी है।

मैं आलोचनाओं से नहीं घबराता

वैसे भी इन मुद्दों का जनता की भलाई और बुराई से कोई सरोकार नहीं। जनता चाहती है कि प्रत्याशी उनके मुद्दों पर चुनाव लड़े, खुद प्रत्याशियों द्वारा चुने गए मुद्दों पर नहीं। हमारे मुख्य विपक्षी दल द्वारा चुने गये गाय और पाकिस्तान जैसे मुद्दों का जनता ने क्या हश्र किया वो विपक्षी से ज्यादा शायद ही कोई ओर जानता हो. मैं आशा करता हूँ कि बिहार की न्यायप्रिय जनता ने अपने बहुमत के माध्यम से जो कड़ा पाठ विपक्षी दलों को सिखाया है वो उससे जरूर सीखने का प्रयास करेंगे एवम अपनी स्थापित नकारात्मक धारणाओं को ध्वस्त करने का प्रयत्न करेंगे। मेरा सीधा एवम स्पष्ट मानना है कि कुंठा और पूर्वाग्रह से ग्रस्त लोग बिहार का विकास नहीं रोक सकते।

आलोचना और आलोचकों से मैं घबराता नहीं हूँ, बल्कि इसका स्वागत करता हूँ, बशर्ते वह सकारात्मक हो, जनता की भलाई से सम्बंधित हो, कुंठा और पूर्वाग्रहों से प्रेरित ना हो। आलोचना की धार जितनी तेज़ होगी, मेरी रफ्तार उतनी तेज़ होगी, उतना मैं सजग रहूँगा, उतना मैं प्रबल बनूंगा। बिहार की बेहतरी के लिए अगर आपको लगता है मुझे कुछ जानना चाहिये, समझना चाहिए तो आप कृपया निसंकोच होकर मुझसे अपनी भावनाएँ एवम विचार साँझा कर सकते हैं।

वहीं आपको बताते चले कि पूर्व मुख्यमंत्री श्रीमती राबड़ी देवी राजद विधानमंडल दल की और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव बिहार विधानसभा में राजद विधायक दल के नेता मनोनीत हुए। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद ने दोनों का मनोनयन किया है। प्रदेश अध्यक्ष डॉ रामचंद्र पूर्वे ने इसकी सुचना बिहार विधानसभा और विधानपरिषद को दे दी है।

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English summary
Read Dil ki baat of Bihar deputy Chief Minister Tejaswi Yadav. He shared his views on various issues after taking over his post.
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