हाइटेक हुआ सट्टे का बाजार, युवा कमाने को बेकरार
पटना (मुकुन्द सिंह)। ये लगा चौका, लाओ मेरे 1000 रूपये। भाई श्रीलंका टीम पर मेरे 2000, अरे श्रीलंका तो हार गया, गए मेरे 2000। 1000 रुपये की एक बाजी लगाकर हज़ारों रुपये कमाने का सुनहरा ऑफर। लोगों की भीड़। कहीं गंवाने का गम तो कहीं पाने की खुशी। कुछ ऐसा ही ऩजारा है शहर में कई स्थानों पर अवैध रूप से चल रहे सट्टेबाजी खेल का। बिना मेहनत के अमीर बनने की चाहत रखे युवा पीढ़ी इसकी गिरफ्त में तेज़ी से आती जा रही है। सुबह जब मैं एक सैलून में बैठा तो कुछ युवाओं के मुंह से सुनकर दंग रह गया कि शहर में सट्टेबाजी का खेल इस तरह हावी है।
सूत्रों के अनुसार इस गेम के सहारे सटोरियों ने बड़ी संख्या में शिक्षित-अशिक्षित और युवा वर्ग को अपनी गिरफ्त में ले लिया है। ऱकम दोगुनी करने वाले इस खेल के प्रति प्रत्येक वर्ग के लोग आसानी से आकर्षित हो जाते हैं। इधर पुलिस इसे मानने को तैयार नहीं है उसका कहना है कि अभी तक इसकी कोई शिकायत नहीं मिली है। पुलिस क्रिकेट सट्टे की शिकायत का इंतजार कर रही है। क्रिकेट मैच को लेकर सट्टा काफी दिनों से चल रहा है। शहर में चल रहे टी-20 क्रिकेट को लेकर सट्टे का खेल और भी जोरो पर चलने लगा। सूत्रों की माने तो शहरी क्षेत्र में रोजाना लाखों रूपये का सट्टा खेला जा रहा है। क्रिकेट के सट्टे में सटोरियों के द्वारा अलग-अलग तरीके से सट्टा खेला जाता है। मैच के हार-जीत, टॉस में, खिलाड़ियों के चौका-छक्का रन, आदि पर सट्टा खेला जाता है। इस पर दाँव लगाने वाले लोग ये नहीं जानते कि हार-जीत का ये अंधा खेल अन्तहीन है।