बिहार भाजपा के कार्यकर्ताओं में अमित शाह ने भरा ईंधन
पटना (मुकुंद सिंह)। बिहार चुनाव के स्टार प्रचारक राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह कार्यकर्ताओं में जोश भरने के लिए बेगूसराय पहुंचे। इसस कैम्पेन की पहली सभा में अमित शाह ने कहा, "मैं बिहार को जंगलराज से मुक्त कराने आया हूं।" इस वक्तव्य के साथ अमित शाह ने पार्टी कार्यकर्ताओं में ईंधन भरा।
पढ़ें-
पिछले
10
साल
में
बिहार
में
क्राइम
के
आंकड़े
पार्टी के विपक्षी दलों को कड़ा संदेश देते हुए भाजपा अध्यक्ष ने अपने भाषण की शुरुआत की। अमित शाह ने बागियों को आड़े हाथ लेते हुए कार्यकर्ताओं को गीता का उदाहरण देकर चुनावी समर में उतरने का आह्वान किया। कार्यकर्ताओं से कहा कि आप ये न देखिए कि सामने कौन है और अपना कौन विरोध कर रहा है। इसे महाभारत की लड़ाई मानकर गीता के उपदेशों पर आगे बढ़ें। आप सब भी चुनाव लड़ाए हुए कार्यकर्ता हो। बिहार का रुख देखकर लग रहा है कि यहां दो तिहाई बहुमत से सरकार बनने जा रही है।
पढ़ें- भाजपा का जातीय शतरंज
अमित शाह ने आगे कहा कि पार्टी ने जब चुनाव प्रचार का प्लान बनाया तो पार्टी के नेताओं ने पूछा क्या प्लान है। मैंने कहा कि चुनाव प्रचार में हम विपक्षियों को तो पूरा जवाब देंगे, लेकिन उससे पहले अपने कार्यकर्ताओं से मिलना चाहता हूं। भाजपा कार्यकर्ताओं के परिश्रम के आधार पर चुनाव जीतती है। इसलिए आज हम यहां से बिहार चुनाव के प्रचार की शुरुआत करने आया हूं।
अमित शाह के भाषण के मुख्य अंश-
- जब यूपीए की सरकार थी तब बॉर्डर पर सेना जवाब नहीं दे पाती थी। आज सीमा पार से गोली चलती है तो सेना गोले से जवाब दे रही है।
- हमारे शासन में देश की सीमा से जवान का सिर कलम करके ले जाने की किसी की हिम्मत नहीं है।हम उस सरकार के अंग हैं, जिसने म्यांमार में जैसे घुसकर जवाब दिया था। आगे भी वैसा ही जवाब देने को तैयार हैं।
- जब मौनी बाबा विदेश जाते थे तो कोई भी उन्हें लेने एयरपोर्ट पर भी नहीं आता था। आज नरेंद्र मोदी जब विदेश की धरती पर कदम रखते हैं तो हजारों की भीड़ उनसे मिलने को बेताब रहती है।
- जब जंगलराज की चर्चा चारो ओर चल रही थी, तब भाजपा ने जंगलराज से मुक्ति का ऐलान किया और नीतीश हमारे साथ आए। हमने बड़ा दिल रखकर नीतीश को सत्ता दे दी।
- नीतीश के राज में कार्यकर्ताओं के साथ अपमान होता था, लेकिन हमारे मन में अपने मान-अपमान से ज्यादा बिहार से जंगलराज हटाने की चिंता थी।
- नीतीश कुमार सत्ता का सुख भोगने के लिए आज लालू के साथ चले गए और फिर जंगलराज का रुख कर लिया।
- महादलित जीतन राम मांझी का अपमान कर नीतीश ने उनके साथ भी दगा दिया। सत्ता के लिए नीतीश का किसी को छोड़ देना कोई बड़ी बात नहीं है।
- इस बार नीतीश कुमार ने बिहार की जनता के साथ दगा किया है, भाजपा के कार्यकर्ताओं के साथ दगा किया है।
- कांग्रेस और लालू के साथ के साथ बिहार में विकास नहीं हो सकता।
- 12 लाख करोड़ रुपये का घोटाला करने वाली सोनिया और मनमोहन के साथ बिहार का विकास नहीं हो सकता।
- मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र आदि कई राज्यों में भाजपा की सरकार के विकास से जनता खुश है।
-
लालू
को
बिहार
की
जनता
या
पार्टी
की
चिंता
नहीं
केवल
अपने
परिवार
की
चिंता
है।