पाक में आतंकवाद बेकाबू, अमेरिका ने कहा नहीं मिलेंगे 300 मिलियन डॉलर
वाशिंगटन। पाकिस्तान भले ही इंटरनेशनल कम्यूनिटी के सामने खुद को आतंकवाद का पीड़ित बताता रहे लेकिन हकीकत यही है कि आतंकवाद को पाक की सरजमीं पर काफी प्रोत्साहन मिल रहा है। नतीजा सामने है अब अमेरिका ने पाक को साफ कर दिया है कि उसे 300 मिलियन डॉलर की वह रकम नहीं मिलेगी जो मिलिट्री अदायगी के तौर पर उसे दी जानी थी।
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हक्कानी नेटवर्क के खिलाफ नो एक्शन
पाकिस्तान के न्यूजपेपर द डॉन की ओर से यह जानकारी दी गई है। पेंटागन के स्पोक्सपर्सन एडम स्टंप ने बुधवार को जानकारी दी कि इस रकम को सरकार की ओर से तभी रिलीज किया जाना था जब अमेरिकी रक्षा सचिव एश्टन कार्टर अमेरिकी कांग्रेस को यह भरोसा दिला पाते कि पाकिस्तान ने हक्कानी नेटवर्क के खिलाफ सही एक्शन लिया है।
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क्यों मिलनी थी रकम
अमेरिका की ओर से 300 मिलियन डॉलर की यह रकम सीएसएफ यानी कोअलिशन सपोर्ट फंड के तहत दी जानी थी। यह फंड अमेरिकी रक्षा विभाग का वह प्रोग्राम है जिसके तहत वह आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में मिल रहे समर्थन के तहत लड़ाई में आने वाली सारी रकम की अदायगी करता है। पाकिस्तान को इस फंड का सबसे बड़ा हिस्सा मिलता है।
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अब तक मिल चुके हैं 14 बिलियन डॉलर
पेंटागन के डाटा के मुताबिक वर्ष 2002 से पाक को यह फंड दिया जा रहा है और पाक को अब तक 14 बिलियन डॉलर दिए जा चुके हैं। पेंटागन के मुताबिक नॉर्थ वजीरिस्तान में काफी काम किया गया है लेकिन अभी बहुत कुछ होना बाकी है।
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एफ-16 के बाद दूसरा झटका
अमेरिका और पाक के रिश्ते पिछले कुछ वर्षों में बिगड़ गए हैं। वर्ष 2011 में नाटो के एक ट्रक पर आतंकी हमला हुआ था। पाकिस्तान की सीमा में हुए इस हमले के बाद नाटो की सप्लाई के लिए पाक ने रूट को बंद कर दिया था। यहीं से अमेरिका और पाक के रिश्तों में खटास आने लगी थी। यह हमला एबटाबाद में ओसामा बिन लादेन की मौत के बाद हुआ था।
अमेरिकी कांग्रेस अक्सर ही पाक को मिलने वाली मदद राशि पर सवाल उठाती रहती है। पाक के लिए यह दूसरा बड़ा झटका है क्योंकि कुछ माह पहले अमेरिका ने पाक के साथ आठ एफ-16 फाइटर जेट्स के लिए हुई डील को कैंसिल कर दिया था।