अमेरिका ने पाक से कहा, 'कैरेक्टर सर्टिफिकेट लाओ, 500 मिलियन डॉलर ले जाओ'
अमेरिका ने पाकिस्तान के लिए 400 मिलियन डॉलर की रकम मदद के तौर पर जारी कर दी है। लेकिन बाकी का 500 मिलियन पाक को 'कैरेक्ट सर्टिफिकेट' देने के बाद ही अमेरिका से मिल सकेगा।
वाशिंगटन। पाकिस्तान के कुछ न्यूजपेपर शनिवार को इस खबर से भरे पड़े थे कि अमेरिका ने पाक को 400 मिलियन डॉलर की मदद जारी कर दी है। दरअसल अमेरिका की ओर से पाक को 900 मिलियन डॉलर की मदद मिलनी थी लेकिन आधी से ज्यादा मदद राशि को अमेरिका ने रोक लिया है।
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पहले खुद को साबित करे पाकिस्तान
अमेरिका ने पाक के सामने एक शर्त रख दी है और इस शर्त को पूरा करने के बाद ही पाक को बची हुई रकम मिल पाएगी।
अमेरिका ने कहा है कि जब तक पाकिस्तान इस बात का सुबूत नहीं देता कि आतंकी संगठनों खासतौर पर हक्कानी नेटवर्क के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है, तब तक उसे मदद की राशि नहीं मिलेगी।
जब तक पाक को पाकिस्तान को अमेरिका के रक्षा मंत्री एश्टर्न कार्टर की ओर से अच्छे चरित्र का सुबूत नहीं मिल जाता, उसे बाकी के 500 मिलियन डॉलर नहीं मिलेंगे।
अमेरिकी रक्षा मंत्री को साबित करना होगा कि पाक ने न सिर्फ हक्कानी बल्कि दूसरे आतंकी संगठनों के खिलाफ कठोर कदम उठाए हैं।
गुरुवार को अमेरिकी सीनेट ने सात वोट्स के मुकाबले 92 वोट्स से वर्ष 2017 नेशनल डिफेंस अथॉराइजेशन एक्ट (एनडीएए) पास किया।
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क्या हैं अमेरिका की चार शर्तें
यह एक्ट सीएसएफ यानी कोअलिशन सपोर्ट फंड के 900 मिलियन डॉलर में से 400 मिलियन डॉलर पाने के काबिल होने के लिए पाकिस्तान पर चार शर्तें लगाता है।
इस एक्ट को राष्ट्रपति बराक ओबामा के साइन के लिए भेजा जाएगा। उनके साइन के बाद यह कानून बन जाएगा।
- रक्षा मंत्री कार्टर को साबित करना होगा कि पाक ऐसे मिलिट्री ऑपरेशंस चला रहा है जो पाक में हक्कानी नेटवर्क के लिए पनाहगाहों और आजादी के लिए परेशानी बन गए हैं।
- पाकिस्तान को यह बताना होगा कि उसने इस समूह को अपनी सरजमीं का प्रयोग करने से रोकने की अपनी प्रतिबद्धता को दर्शाने के लिए कदम उठाए हैं।
- अफगानिस्तान-पाकिस्तान सीमा के पास हक्कानी नेटवर्क जैसे संगठनों की आतंकी गतिविधियों को नुकसान पहुंचाने के लिए पाक अफगानिस्तान के साथ सक्रिय है।
- पाकिस्तान ने हक्कानी नेटवर्क के टॉप लीडर्स समेत बाकी आतंकियों को गिरफ्तार करने और उनके खिलाफ केस चलाने में प्रगति की है।
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इसके तहत वह आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में मिल रहे समर्थन के तहत लड़ाई में आने वाली सारी रकम की अदायगी करता है। पाकिस्तान को इस फंड का सबसे बड़ा हिस्सा मिलता है।
वर्ष 2002 से मिल रहे करोड़ों मिलियन डॉलर
पेंटागन के डाटा के मुताबिक वर्ष 2002 से पाक को यह फंड दिया जा रहा है और पाक को अब तक 14 बिलियन डॉलर दिए जा चुके हैं।
इस वर्ष अगस्त में भी पाक को मदद के लिए मिलने वाले 300 मिलियन डॉलर रोक लिए गए थे। पेंटागन ने तब कहा था कि नॉर्थ वजीरिस्तान में काफी काम किया गया है लेकिन अभी बहुत कुछ होना बाकी है।
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बनते-बिगड़ते संबंध
अमेरिका और पाक के रिश्ते पिछले कुछ वर्षों में बिगड़ गए हैं। वर्ष 2011 में नाटो के एक ट्रक पर आतंकी हमला हुआ था। पाकिस्तान की सीमा में हुए इस हमले के बाद नाटो की सप्लाई के लिए पाक ने रूट को बंद कर दिया था।
यहीं से अमेरिका और पाक के रिश्तों में खटास आने लगी थी। यह हमला एबटाबाद में ओसामा बिन लादेन की मौत के बाद हुआ था। अमेरिकी कांग्रेस अक्सर ही पाक को मिलने वाली मदद राशि पर सवाल उठाती रहती है।