ISI की हैवानियत: खूंखार और भूखे कुत्तों को पिलाया जाता है भारतीय कैदियों का खून
नयी दिल्ली (ब्यूरो)। सरहदों ने बेशक दोनों मुल्कों का बंटवारा कर दिया हो लेकिन अगर कोई खुफिया एजेंसी नफरत की आड़ में इंसानियत को हैवानियत में तब्दील करने पर आमदा हो जाये तो हर मंजर जायज़ है। ऐसा ही एक खौफनाक और झंकझोर कर रख देने वाला मामला पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई की तरफ से सामने आया है।
जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक आईएसआई पाकिस्तान के जेलों में बंद भारतीय कैदियों को रॉ का एजेंट बताकर उनके जिंदा शरीर से खून निकालती है और फिर उसे खूंखार कुत्तों को पिला देती है। ये हवानियत यहीं समाप्त नहीं होती। आईएसआई के अधिकारी भूखे और खूंखार कुत्तों को भारतीय कैदियों पर खुला छोड़ देते हैं। इसके बाद शुरु होता है जिंदा मांस को नोचने और खसोटने का खेल। कैदियों को तीन साल तक एक टॉर्चर सेल में रखकर हर दिन करंट लगाया जाता है।
बेदर्दी से पीटा जाता है। खाने में नपुंसक बनाने वाली दवा दी जाती है और कैदियों पर तबतक जुल्म किया जाता है जबतक वो पागल ना हो जाएं। शरीर पर सिरहन पैदा करा देने वाली यह दर्दनाक दास्तां कोई मनगढ़ंत कहानी नहीं बल्कि एक सच है जिसे पाकिस्तान से शनिवार रात 11:30 बजे अटारी पहुंचे 40 भारतीय कैदियों ने सुनाया। हिंदी अखबार दैनिक जागरण में प्रकाशित एक खबर की मानें तो पाकिस्तान की जेल से लौटकर आए 40 कैदियों में 35 मछुआरे शामिल हैं।
इनमें से तीन कैदी पूरी तरह पागल हो चुके हैं। वो इस लायक भी नहीं बचे कि अपना नाम और घर का पता बता सकें। कुपवाड़ा के रहने वाले मुबारक हुसैन शाह और उनके साथियों ने बताया कि रावलपिंडी जेल में कई बार उसके शरीर से खून निकाला गया। यह खून जेल के खूंखार कुत्तों को पिलाया जाता था और बाद में उन्हीं कुत्तों को भारतीय कैदियों पर छोड़ दिया जाता था। शाह ने बताया कि जेल में उसकी एक टांग भी काट दी गई।