27 मई को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ देंगे इस्तीफा!
पाकिस्तान में वकीलों ने प्रधानमंत्री नवाज शरीफ का दी सात दिनों के अंदर कुर्सी छोड़ने की धमकी। कुर्सी नहीं छोड़ने पर देशभर में विरोध प्रदर्शन की धमकी।
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की मुश्किलें आने वाले सात दिनों के अंदर बढ़ सकती हैं। पाकिस्तान में वकीलों ने प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को सात दिनों का अल्टीमेटम दिया है। वकीलों ने नवाज से कहा है कि अगर उन्होंने सात दिनों के अंदर कुर्सी नहीं छोड़ी तो फिर उनके खिलाफ देशभर में विरोध प्रदर्शनों की शुरुआत होगी।
पनामा पेपर्स लीक की वजह से मुसीबत
प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के लिए मुश्किलें फिर से पनामा पेपर्स की वजह से पैदा हुई हैं। सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) और लाहौर हाई कोर्ट बार एसोसिएशन (एलएचसीबीए) ने इस मुद्दे पर एक साथ आने का ऐलान कर दिया है। दोनों की ओर से एक बयान जारी किया गया है। इस बयान में कहा गया है कि दोनों बार एसोसिएशन मानती हैं पनामा पेपर्स केस में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को अपने ऑफिस में नहीं रहना चाहिए और ऑफिस छोड़ देना चाहिए। लाहौर में यह बयान जारी किया गया है। बार एसोसिएशन का कहना है कि पनामा केस में फैसले ने इस बात की तरफ इशारा कर दिया है कि नवाज और उनके बच्चे वित्तीय अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के दोषी हैं और इनकी जांच के लिए एक ज्वाइंट इनवेस्टिगेशन टीम का गठन कर लिया गया है।
नवाज को देना चाहिए इस्तीफा
बयान में कहा गया है कि निष्पक्ष और स्वतंत्र जांच के लिए पीएम नवाज को इस्तीफा दे देना चाहिए और तब तक अपना पद नहीं संभालना चाहिए जब तक कि जेआईटी की रिपोर्ट नहीं आ जाती। अगर 27 मई को नवाज ने अपनी कुर्सी नहीं छोड़ी तो फिर पूरे पाकिस्तान में उनके खिलाफ प्रदर्शन होंगे। नवाज के इस्तीफे के लिए आंदोलन चलाया जाएगा ताकि वह अपना इस्तीफा दें। 20 अप्रैल को पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट की ओर से आए फैसले में तीन में से दो जजों ने उनके पक्ष में फैसला दिया था तो एक जज उनके खिलाफ था। फैसले के बाद नवाज की कुर्सी जाते-जाते बची थी। पिछले वर्ष हुए पनामा पेपर्स लीक में नवाज के बच्चों के पाकिस्तान के बाहर बिजनेस के बारे में जानकारियां आई थीं। इनमें कहा गया था कि नवाज के बच्चों ने ब्रिटिश वर्जिन आईलैंड में कंपनियां खरीदी थीं और लंदन में भी कुछ प्रॉपर्टी खरीदी थी।