अमेरिका ने कहा पाकिस्तान में मौजूद आतंकी संगठन भारत में उसके हितों के लिए खतरा
आतंकी गतिविधियों को रोकने में नाकाम पाकिस्तान पर फिर बढ़ सकती हैं मुश्किलें। अमेरिकी इंटेलीजेंस एजेंसियों ने आतंकी गतिविधियों को रोक पाने में असफल पाकिस्तान को लगाई फटकार।
वॉशिंगटन। आतंकवाद पर लगाम लगाने में फेल पाकिस्तान पर फिर से मुश्किलें बढ़ सकतर हैं। अमेरिकी इंटेलीजेंस एजेंसियों ने कांग्रेस को बताया है कि पाकिस्तान उसकी सरजमीं से संचालित हो रहे आतंकी संगठनों को रोक पाने में नाकाम रहा है। पाकिस्तान के अखबार द डॉन ने इस बारे में जानकारी दी है।
अमेरिका के लिए खतरा
डॉन की ओर से लिखा गया है कि पाकिस्तान की असफलता के चलते ये आतंकी संगठन इस क्षेत्र में अमेरिका के लिए लगातार खतरा बने रहेंगे। साथ ही आतंकी भारत और अफगानिस्तान पर सुनियोजित हमले करते रहेंगे। यह बात उस समय कही गई जब अफगानिस्तान और यहां पर मौजूद आतंकी तत्वों के खिलाफ जारी लड़ाई पर सुनवाई हो रही थी। इंटेलीजेंस एजेंसियों के प्रमुखों की ओर से युद्ध प्रभावित अफगानिस्तान के बारे में सीनेट की आर्म्ड सर्विस कमेटी को एक संक्षिप्त ब्यौरा देने की कोशिश की गई है। शनिवार को एक ट्रांसक्रिप्ट जारी की गई थी जिसमें कहा गया था कि पाकिस्तान पर भले ही सारी बहस केंद्रित हों लेकिन इस बात की चिंता भी है कि मिलिट्री प्रयासों के बावजूद तालिबान जैसे आतंकी संगठनों ने अपनी पकड़ अफगानिस्तान पर बना रखी है।
पहले भी हुई थी यह बात
इससे पहले अमेरिका के टॉप जासूस डैनियल कोट्स ने चेतावनी दी थी कि पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन भारत और अफगानिस्तान पर बड़े आतंकी हमले की योजना बना रहे हैं। अमेरिका की नेशनल इंटेलीजेंस के डायरेक्टर कोट्स ने भारत को आगाह रहने को कहा है।कोट्स ने भी कहा था कि 'पाकिस्तान सरकार अपनी सरजमीं पर आतंकियों और चरमपंथियों को नियंत्रित करने में फेल रही है। कोट्स ने यह बात अमेरिकी कांग्रेस में दुनिया पर मौजूद खतरों पर हो रही बहस के दौरान सीनेट की इंटेलीजेंस कमेटी को बताई थी। कोट्स ने कांग्रेस के सामने कहा था कि ये आतंकी संगठन इस क्षेत्र में मौजूद अमेरिकी हितों के लिए खतरा पैदा करेगा। वह भारत और अफगानिस्तान पर हमलों की योजना बनाएंगे और साथ ही आतंकी हमलों को जारी रखेंगे। उन्होंने यह चेतावनी भी दी थी कि पाकिस्तान अपने परमाणु हथियारों का जखीरा भी बढ़ा रहा है। वह अपने पास रणनीतिक हथियारों को बढ़ा रहा है। हालांकि कोट्स की मानें तो पाकिस्तान को इस बात की भी चिंता है कि अंतराष्ट्रीय तौर पर उसे अलग-थलग किया जा सकता है।