यूनाइटेड नेशंस में अंग्रेजी बोलकर फंस गए रे पीएम नवाज!
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के लिए एक और मुसीबत उनके वतन में उनके इंतजार में हैं और यह मुसीबत अंग्रेजी की वजह से उनके लिए खड़ी हुई है। पाक पीएम शरीफ ने यूनाइटेड नेशंस (यूएन) में अंग्रेजी में भाषण दिया था और इसी वजह से अब वह फंसते नजर आ रहे हैं।
शरीफ के खिलाफ कोर्ट में केस चलाने की मांग की गई है। यूएन में अंग्रेजी में भाषण देकर नवाज ने सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश का उल्लंघन किया है।
सितंबर माह में ही पाक के सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को आदेश दिया था कि वह उर्दू को अधिकारिक भाषा बनाने के लिए संविधान के अनुच्छेद 251 के क्रियान्वयन को लेकर कदम उठाए।
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सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा था कि नेताओं और अधिकारियों को भाषणों और औपचारिक संवाद में अंग्रेजी की बजाय उर्दू भाषा का इस्तेमाल करना चाहिए।
पाकिस्तान के न्यूजपेपर‘द डॉन' के मुताबिक याचिकाकर्ता जाहिद गनी ने बीते आठ सितंबर को सुप्रीम कोर्ट की ओर से दिए आदेश का हवाला दिया जिसमें संघीय एवं प्रांतीय सरकारों से कहा गया था कि वे बिना विलंब किए उर्दू को अधिकारिक भाषा के तौर पर इस्तेमाल करें।
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उन्होंने कहा कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग, जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे, भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, क्यूबा के राष्ट्रपति राउल कास्त्रो, ईरानी राष्ट्रपति हसन रूहानी तथा यूक्रेनी राष्ट्रपति पेट्रो पोरोशेंको सहित कई विश्व नेताओं ने यूएन की जनरल एसेंबली को अपनी राष्ट्रीय भाषाओं में संबोधित किया।
याचिका में कहा गया है कि प्रधानमंत्री शरीफ ने अपराध किया है तथा ऐसे में उनके खिलाफ संविधान के अनुच्छेद 204 के तहत मुकदमा चलाया जाना चाहिए। इससे पहले एक और व्यक्ति ने याचिका दायर कर शरीफ के खिलाफ अदालती अवमानना का मामला चलाने का आग्रह किया था।