पाक पीएम नवाज बोले कश्मीर का जिक्र करना है एक मजबूरी
इस्लामाबाद। प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने एक बार फिर कश्मीर का जिक्र किया है और इस बार उन्होंने यूनाइटेड नेशंस (यूएन) को चिट्ठी लिखी है। नवाज ने कहा है कि कश्मीर में लोगों की आवाज को दबाया जा रहा है और ऐसे में उनकी 'मजबूरी' है कि उन्हें कश्मीर की आवाम की आवाज बनना पड़ रहा है।
दुनिया को बताएंगे कश्मीर की हालत
नवाज के मुताबिक वह दुनिया को यह समझाने की पूरी कोशिश करते रहेंगे कि इस समय कश्मीर में जो लोग रह रहे हैं उनकी हालत क्या है। शरीफ ने यूएन के जनरल सेक्रेटरी बान की मून और यूएन में मानवाधिकार आयोग के प्रमुख जैद राद अल हुसैन को चिट्ठी लिखी है।
उन्होंने इस चिट्ठी में लिखा है कि कश्मीर के लोगों के मौलिक मानवाधिकारों की रक्षा की जाए और यूएन सिक्योरिटी काउंसिल का रेजोल्यूशन लागू किया जाए।
उंगा से पहले की तैयारी
पिछले दिनों पीएम शरीफ ने यूएन जनरल एसेंबली (उंगा) से पहले एक मीटिंग की जिसमें सरताज अजीज समेत विदेश मंत्रालय से जुड़ी अधिकारी शामिल थे। इस मीटिंग में यूएन में पाक की स्थायी प्रतिनिधि मलीहा लोधी ने भी शिरकत की थी। पीएम शरीफ ने मीटिंग में कश्मीर के लोगों की बात करने को अपनी मजबूरी बताया।
भारत का आतंरिक मुद्दा नहीं कश्मीर
इस मीटिंग में पाक ने साफ कर दिया कि कश्मीर हमेशा से ही यूएन का एक अधूरा एजेंडा रहेगा और भारत को यह बात समझनी होगी कि कश्मीर उसका आतंरिक मुद्दा नहीं है।
पाक ने मीटिंग में कश्मीर को एक अंतराष्ट्रीय मुद्दा करार दिया। शरीफ यहीं नहीं चूके उन्होंने कहा कि कश्मीर यूएन की एक बड़ी असफलता के तौर पर तब्दील होता जा रहर है।