नवाज शरीफ सरकार ने बताया क्यों किया है हाफिज सईद को नजरबंद
पाकिस्तान की सरकार ने कोर्ट में दिया जवाब क्यों जमात-उद-दावा (जेयूडी) मुखिया को किया गया नजरबंद। सरकार ने कहा सईद चलाता है ऐसी संस्थाएं जिनसे शांति और स्थिरता को है खतरा।
लाहौर। पाकिस्तान की सरकार ने लाहौर हाई कोर्ट में लिखित जवाब में बताया है कि आखिर क्यों जमात-उद-दावा (जेयूडी) के चीफ और मोस्ट वांटेंड आतंकी हाफिज सईद को नजरबंद रखा गया है। सरकार ने कहा है कि सईद और चार लोगों को नजरबंद करके उसने किसी कानून को नहीं तोड़ा है।
30 जनवरी से नजरबंदी
30 जनवरी को पाकिस्तान सरकार ने सईद और फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन (एफआईएफ) से जुड़े चार लोगों को नजरबंद कर दिया था। सरकार ने कोर्ट में कहा है कि सईद, एफआईएफ और जेयूडी जैसी संस्थाएं चलाता है जिनसे शांति और सुरक्षा को खतरा है। पाकिस्तान के आंतरिक मंत्रालय की ओर से सईद की नजरबंदी पर जवाब दाखिल किया गया है और उसकी नजरबंदी को सही बताया गया है। मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि जेयूडी और एफआईएफ पर विदेश मंत्रालय की ओर से आई रिपोर्ट के बाद नजर रखी जा रही थी। सरकार ने कहा है कि रिपोर्ट के आधार पर सरकार के पास इस बात पर यकीन करने की वजहें थीं कि जेयूडी और एफआईएफ कुछ ऐसी गतिविधियों में शामिल हैं जिनसे शांति को खतरा हो सकता है। इन गतिविधियों से यूनाइटेड नेशंस सिक्योरिटी काउंसिल के रेजोल्यूशन को मानने पर पाकिस्तान की नैतिक जिम्मेदारी का उल्लंघन होता है।
सईद ने लगाया सरकार पर आरोप
पाक सरकार ने सईद और चार साथियों को एंटी-टेररिज्म एक्ट के तहत लाहौर में नजरबंद रखा है। सईद के साथ जो और चार लोग हैं, उनके नाम हैं मलिक जफर इकबाल, अब्दुर रहमान आबिद, काजी काशिफ हुसैन और अब्दुल्ला उबैद और इन्होंने लाहौर हाईकोर्ट सीनियर एडवोकेट एके डोगर के जरिए एक याचिका दाखिल की थी। सईद ने सरकार पर आरोप लगाया है कि सरकार ने उसे बिना किसी कानूनी प्रक्रिया के नजरबंद करके रखा है। सईद को वर्ष 2008 में हुए मुंबई आतंकी हमलों के बाद भी नजरबंद रखा गया था। लेकिन वर्ष 2009 में कोर्ट ने उसे आजाद कर दिया था। सईद के सिर पर अमेरिका ने 10 मिलियन डॉलर का इनाम रखा हुआ है।