तख्तापलट के बाद पाक के पीएम नवाज शरीफ को मुशर्रफ ने ऑफर की थी एक सीक्रेट डील!
तख्तापलट के बाद वर्ष 2007 में पाकिस्तान के पूर्व तानाशाह परवेज मुशर्रफ ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को की थी एक सीक्रेट डील की पेशकश। पाकिस्तान पीएम ने किया खुलासा।
इस्लामाबाद। कारगिल की जंग के बाद वर्ष 1999 में उस समय पाकिस्तान आर्मी के चीफ जनरल परवेज मुशर्रफ ने पाक में तख्तापलट किया और प्राइम मिनिस्टर नवाज शरीफ को अपनी गद्दी छोड़नी पड़ी। अब पीएम नवाज ने कहा है कि वर्ष 2007 में उन्हें उस समय राष्ट्रपति रहे नवाज शरीफ ने एक सीक्रेट डील की पेशकश थी।
नवाज से मिलना चाहते थे मुशर्रफ
पीएम नवाज ने अपनी पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-एन की मंगलवार को हुई एक पार्लियामेंट्री मीटिंग में यह खुलासा किया। पीएम नवाज ने कहा कि मुशर्रफ ने उन्हें वर्ष 2007 में एक साझा सरकार बनाने का ऑफर दिया था। नवाज के मुताबिक उन्होंने इससे साफ इनकार कर दिया था। तख्तापलट के बाद मुशर्रफ ने नवाज को जेल भेज दिया था। पाकिस्तान के न्यूजपेपर द डॉन ने नवाज के हवाले से लिखा है, 'मुशर्रफ इस वजह से उनसे मुलाकात करना चाहते थे लेकिन मैंने मिलने से इंकार कर दिया था।' पीएम नवाज के मुताबिक वह और उनका परिवार पाकिस्तान नहीं छोड़ना चाहता था लेकिन मुशर्रफ ने जबरदस्ती उन्हें देश से निकाल दिया। नवाज की मानें तो उन्हें मजबूरी में अपना मुल्क छोड़ने को मजबूर होना पड़ा। कई वर्षों तक उन्हें देश वापस लौटने की इजाजत तक नहीं दी गई। वर्ष 2007 में पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया था कि पीएम नवाज और उनके भाई देश लौटने के लिए आजाद हैं। इस फैसले के बाद कहीं जाकर नवाज के लिए देश लौटने के रास्ते खुल सके थे।
मुशर्रफ कैंप ने किया खारिज
पीएम नवाज नवंबर 2007 में पाकिस्तान वापस लौटे क्योंकि मुशर्रफ ने उन्हें परिवार समेत देश से निकाल दिया था। नवाज ने कहा कि उनके पूरे परिवार को जबरन देश से निकाल दिया गया। बुरी हालत में देश छोड़ने को मजबूर होना पड़ा। नवाज की मानें तो मुशर्रफ ने जो उनके साथ किया, वह भी अब वही सब भुगत रहे हैं। मुशर्रफ अब देश लौटना चाहते हैं लेकिन लौट नहीं सकते हैं। उन्हें इलाज की वजह से पाक से बाहर जाने की आजादी मिली थी। मुशर्रफ के खिलाफ पाकिस्तान में कई केस चल रहे हैं। वहीं पीएम नवाज के इस दावे को मुशर्रफ के पूर्व सहयोगी और ऑल पाकिस्तान मुस्लिम लीग के सदस्य अहमद रजा कसूरी ने खारिज कर दिया किया है। उन्होंने कहा कि उन्होंने जनरल मुशर्रफ के साथ लंबे समय तक काम किया है, लेकिन कभी ऐसी बात सुनने में नहीं आई है। उन्होंने कहा कि सभी जानते हैं कि शरीफ एक समझौते के तहत 10 साल के लिए विदेश गए थे। ऐसे में सीक्रेट डील का सवाल ही नहीं उठता है।