मोदी इजरायल में और पाकिस्तान ने बैलेस्टिक मिसाइल टेस्ट के बाद दिखाई भारत को आंख
इस्लामाबाद। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब इजरायल में अपने समकक्ष बेंजामिन नेतन्याहू के साथ चर्चा कर रहे थे तो उसी समय पाकिस्तान की सेना नस्र बैलेस्टिक मिसाइल के टेस्ट की तैयारी कर चुकी थी। पाकिस्तान की सेना ने नस्र मिसाइल सिस्टम का सफल टेस्ट किया है। नस्र एक कम दूरी वाली बैलेस्टिक मिसाइल और वेपेन सिस्टम है। पाकिस्तान की सेना की ओर से इस बात की पुष्टि की गई है। इस मिसाइल के ट्रेनिंग लॉन्च के समय पाकिस्तान आर्मी के चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा भी मौजूद थे।
बढ़ाई गई मिसाइल की रेंज
इस मिसाइल का ट्रेनिंग लॉन्च इसकी दूरी को तय करने के लिए हुआ था। इस मिसाइल की रेंज को बढ़ाकर 60 किलोमीटर से 70 किलोमीटर किया गया है। इसके लॉन्च के बाद पाकिस्तान आर्मी के चीफ जनरल बाजवा ने इंडियन आर्मी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, ' नस्र ने कोल्ड स्टार्ट डॉक्ट्रिन पर पानी फेर दिया है।'जनरल बाजवा की टिप्पणी को पाकिस्तान मिलिट्री विंग की मीडिया विंग आईएसपीआर ने जारी किया। पाकिस्तान सेना ने कहा कि नस्र उच्च क्षमता वाली हथियार प्रणाली है, जिसे कम समय में काम पर लगाया जाना संभव है। मेजर जनरल आसिफ गफूर ने बाजवा के हवाले से कहा हमारी ताकत युद्ध के लिए तैयार पड़ोसी के खिलाफ शांति की गारंटी देती है। पाक सेना की मानें तो पाकिस्तान क्षेत्र में शांति और स्थिरता बरकरार रखने के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार है। मेजर जनरल गफूर ने इसके साथ ही पाकिस्तान की सरकार की ओर से चलाए जा रहे शांति प्रयासों की भी सराहना की।
क्या है कोल्ड स्टार्ट डॉक्ट्रीन
पाकिस्तान सेना के कमांडर इंडियन आर्मी के उस कोल्ड स्टार्ट डॉक्ट्रीन पर की तरफ इशारा कर रहे थे जो भारतीय सेना का एक ऑपरेशन है और जिसके बाद इंडियन आर्मी सभी पाकिस्तानी सीमाओं पर कब्जा कर सकेगी और वह भी बिना किसी परमाणु संघर्ष के। दिलचस्प बात है कि कोल्ड स्टार्ट डॉक्ट्रीन के बारे में कुछ समय तक किसी को भी कुछ नहीं मालूम था। लेकिन जनवरी में इंडियन आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत ने एक इंटरव्यू में पहली बात इस बात को स्वीकार था। कोल्ड स्टार्ट डॉक्ट्रीन एक ऐसी मिलिट्री रणनीति है जिसके तहत युद्ध की हालत में बिना परमाणु संघर्ष के आर्मी पाकिस्तान की सीमाओं पर कब्जा कर सकती है। जनरल रावत ने बताया कि कोल्ड स्टार्ट डॉक्ट्रीन पारंपरिक मिलिट्री ऑपरेशंस का हिस्सा हैं। जनरल रावत ने कहा था कि इस तरह के ऑपरेशंस में किसी भी स्ट्राइक के लिए फैसला काफी विचार विमर्श के बाद ही लिया जाता है। इसमें सरकार और कैबिनेट की सुरक्षा समिति दोनों ही शामिल होते हैं।