सिर्फ 350 शब्दों में सिमटा है पाकिस्तान का क्लाइमेट चेंज प्रोग्राम
इस्लामाबाद। पाकिस्तान में इस वर्ष जब गर्मी के मौसम का आगाज हुआ तो गर्मी ने आते ही इस कदर कहर बरपाना शुरू किया कि देखते ही देखते 1200 लोगों की जान चली गई। लेकिन इसके बावजूद पेरिस में पाकिस्तान के रूख को देखकर लगा नहीं कि, उसे बदलते हुए मौसम के बारे में कोई चिंता है।
पीएम नवाज ने पेश किया प्लान
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ सोमवार को फ्रांस की राजधानी पेरिस में मौजूद थे जहां पर इस समय क्लाइमेट चेंज पर संयुक्त राष्ट्रसंघ की ओर से एक समिट का आयोजन हो रहा है। दुनिया के 196 देश इस समिट में शिरकत कर रहे हैं और क्लाइमेट चेंज से जुड़े अहम प्रस्तावों को पेश कर रहे हैं।
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पाक की ओर से क्लाइेट चेंज पर जो प्रस्ताव पेश किया गया वह सिर्फ 350 शब्दों में सिमटकर रह गया था।
पाक ने यूनाइटेड नेशंस के पास प्रस्तावों को बस एक ही पेज में खत्म करके भिजवा दिया। जो प्रस्ताव देशों की ओर से यूनाइटेड नेशंस को भेजे गए हैं उन्हें इंटेंड नेशनली डिटरमाइंड कॉन्ट्रीब्यूशन यानी आईएनडीसी कहा गया है।
CO2 को नियंत्रित करना
इसके तहत हर देश को यह बताना था कि वह क्लाइमेट चेंज का सामना करने के लिए क्या कदम उठा रहे हैं। पाक विशेषज्ञों ने इस 350 शब्दों के एक पेज वाले प्रस्ताव को बेकार और दुनिया में अपनी हंसी उड़ाने वाला करार दिया है।
क्या है क्लाइमेट चेंज पर भारत का प्लान
विशेषज्ञों के मुताबिक प्रधानमंत्री को कुछ माह पहले पर्यावरण मंत्रालय की ओर से तैयार करके एक दस्तावेज तैयार करके दिया गया था। इस प्रस्ताव में कार्बन डाई ऑक्साइड के उत्सर्जन को पांच से 18 प्रतिशत तक करने का प्रस्ताव था।
बोस्टन यूनिवर्सिटी के फ्रेड्रिक एस पार्डी स्कूल ऑफ ग्लोबल स्टडीज के डीन अदिल निजाम की मानें तो पाक की ओर से क्लाइमेट चेंज को लेकर जो प्रस्ताव तैयार किया गया है, उसमें कुछ है ही नहीं।
पाक से तो बेहतर है इराक
नजम की मानें तो सभी देशों को उनका आईएनडीजी यूनाइटेड नेशंस के फ्रेमवर्क कंवेनशन ऑन क्लाइमेट चेंज को सौंपना था।
इसमें उन्हें बताना था कि वे आखिर ग्रीनहाउस गैसों की दिशा में क्या कदम उठाना चाहते हैं। नजम के मुताबिक पाक से ज्यादा तो इराक का प्लान इस पर बेहतर था।
विशेषज्ञ पाकिस्तान के सरकार के इस रवैये से काफी निराश हैं। उनका कहना है कि पाक को क्लाइमेट चेंज पर ठोस उठाने के बारे में सोचना ही होगा।