क्यों पाक के पीएम नवाज शरीफ को कहते हैं 'सर' नवाज
वर्ष 1997 में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को ब्रिटेन की महारानी क्वीन एलिजाबेथ की ओर से दी गई थी नाइटहुड की उपाधि और प्रधानमंत्री नवाज से सर नवाज बन गए थे पीएम।
इस्लामाबाद। लाहौर हाई कोर्ट ने पाकिस्तान की सरकार के वकील से प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की ओर से एक याचिका का जवाब देने को कहा है। लाहौर हाई कोर्ट ने वकील से कहा है कि वह ब्रिटेन की क्वीन की ओर से मिले 'सर' टाइटल के बाबत अपना जवाब दें।
वर्ष 1997 में मिली थी उपाधि
पाक मीडिया की ओर से आ रही खबरों के मुताबिक हाई कोर्ट के बैरिस्टर जावेद इकबाल जाफरी की ओर से हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी।
इस याविका में ब्रिटेन की महारानी के उस फैसले पर सवाल किया गया जिसके तहत प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को 'सर' का टाइटल दिया गया।
पीएम शरीफ को पाकिस्तान की गोल्डन जुबली के मौके पर वर्ष 1997 में नाइटहुड उपाधि दी गई। जिस व्यक्ति को यह उपाधि मिलती है उसके नाम के आगे 'सर' लगाया जाता है।
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पहले भारत के पीएम को पेशकश
याचिकाकर्ता के मुताबिक महारानी ने भारत के प्रधानमंत्री को इस उपाधि के लिए नामित किया गया था। उस समय भारत के प्रधानमंत्री ने इसे लेने से मना कर दिया था। इसके बाद महारानी ने यह खिताब नवाज को दे दिया।
याचिकाकर्ता का कहना है कि शरीफ ने संसद की मंजूरी नहीं ली थी और इसका प्रयोग नहीं किया।
आईके गुजराल थे भारत के पीएम
उनका कहना था कि सरकार की ओर से इससे जुड़ी कोई भी अधिसूचना जारी नहीं की गई। अब 19 दिसंबर को इस केस की अगली सुनवाई होगी।
वर्ष 1997 में भारत के प्रधानमंत्री आईके गुजराल थे। गुजराल से पहले रंबिद्र नाथ टैगोर को वर्ष 1919 में इस उपाधि की पेशकश की गई थी।
टैगोर ने उस वर्ष हुए जलियांवाला बाग में ब्रिटिश शासन की बेदर्दी की वजह से इसे लेने से इंकार कर दिया था।
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सचिन के लिए भी पेशकश
इसके बाद वर्ष 1988 में महान इंडियन क्रिकेटर सुनील गावस्कर को इस टाइटल से नवाजे जाने की पेशकश हुई।
गावस्कर ने भी इसे लेने से इंकार कर दिया। खबरें आईं कि गावस्कर महारानी के सामने घुटनों पर बैठकर इस उपाधि को नहीं लेना चाहते थे।
फिर वर्ष 2008 में ब्रिटेन के तत्कालीन प्रधानमंत्री गॉर्डन ब्राउन ने मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर को नाइटहुड प्रदान करने का प्रस्ताव दिया।
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किन देशों के नागरिकों को नाइटहुड
नाइटहुड उपाधि उन देशों के लोगों को ही दी जाती है जहां पर महारानी का शासन चलता है जैसे ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और वेस्टइंडीज। भारत खुद एक गणतांत्रिक देश है और इसलिए आजादी के बाद नाइटहुड पुरस्कार यहां के नागरिकों के लिए नहीं है।