बलूचिस्तान की आजादी पर न्यूयॉर्क में प्रदर्शन, नवाज की बड़ी मुसीबत
न्यूयॉर्क। इस माह के अंत में संयुक्त राष्ट्रसंघ महासभ यानी उंगा का 71वां अधिवेशन होना है। लेकिन इसके शुरू होने के पहले ही वहां पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के लिए मुसीबतें उनका इंतजार कर रही हैं।
न्यूयॉर्क में हुआ प्रदर्शन
यहां पर संयुक्त राष्ट्रसंघ (यूएन) के हेडक्वार्टर के बाहर फ्री बलूचिस्तान मूवमेंट की ओर से एक विरोध प्रदर्शन आयोजित किया गया था। बुधवार को हुआ यह विरोध प्रदर्शन एक माह से भी कम समय में हुआ है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बलूचिस्तान की आजादी का मुद्दा उठाया था।
मौजूद थे कई एक्टिविस्ट्स
इस विरोध प्रदर्शन के दौरान 'लांग लिव इंडिया फ्रेंडशिप' जैसे नारे लगाए गए थे। विरोध प्रदर्शन के दौरान लोग बैनर्स लिए हुए थे जिन पर लिखा था कि 'बलूचिस्तान, पाकिस्तान नहीं' और 'बलूचिस्तान में मानवाधिकारों का हनन बंद हो।'
इस आंदोलन में बलूचिस्तान की आजादी की मांग करने वाले सारे एक्टिविस्ट्स मौजूद थे। इसके अलावा कई मानवाधिकार कार्यकर्ता और भारतीय मानवाधिकार संगठनों के कार्यकर्ता भी मौजूद थे। हालांकि ये किसी भी संस्था से जुड़े नहीं थे।
बलोच एक्टिविस्ट्स के लिए मौका
बुधवार को हुआ विरोध प्रदर्शन उन सभी बलोच एक्टिविस्ट्स के लिए एक मौका था जिसके तहत वे पिछले कई वर्षों से पाकिस्तान से आजादी की मांग कर रहे हैं। आंदोलन का मकसद बलूचिस्तान में पाक सेना की ओर से हो रहे मानवाधिकारों के हनन की ओर दुनिया का ध्यान आकर्षित करना था।
बलूचिस्तान की ओर भी यूएन दे ध्यान
फ्री बलूचिस्तान मूवमेंट की ओर से कहा गया है कि यूएन ने हमेशा से ही अलगाववादी आंदोलनों का समर्थन करता है जैसे कि कोसोवो, पश्चिम तिमोर और साउथ सूडान। ऐसे में हम उम्मीद करते हैं कि यूएन बलूचिस्तान के मुद्दे को पहचान कर इसका हल निकालेगा।