यूएनजीए में शरीफ के बोलने से पहले पाक राजदूत ने खोली पाक की पोल
वाशिंगटन। इस हफ्ते पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ संयुक्त राष्ट्र की 70वीं महासभा को संबोधन करेंगे। जैसा कि पाक पहले ही कह चुका है कि यहां पर अतंराष्ट्रीय समुदाय के सामने भारत के हस्तक्षेप और कश्मीर का जिक्र करेगा। साफ है कि प्रधानमंत्री नवाज शरीफ कश्मीर पर जारी घमासान पर जरूर बात करें। शरीफ कुछ कहें इससे पहले अमेरिका में पाक के पूर्व राजदूत रहे हुसैन हक्कानी ने एक बड़ा बयान दिया है।
हुसैन हक्कानी ने कहा है कि भले ही पाक यह दावा करे कि भारत जम्मू कश्मीर से लगी एलओसी पर गोलियां बरसा रहा है लेकिन हकीकत में पाक की ओर से सीजफायर वॉयलेशन हो रहा है।
हक्कानी ने कहा है कि सबूतों से भी यह साफ है कि एलओसी पर संघर्ष विराम उल्लंधन के सभी प्रयास पाकिस्तान की तरफ से किए गए हैं। हक्कानी ने यह बात एक न्यूज एजेंसी से बातचीत में कही है।
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उन्होंने कहा है कि मैं सोचता हूं कि इस्लामाबाद के दावों से अलग एलओसी पर घुसपैठ के सभी प्रयास और सीजफायर तोड़ने की घटना हमेशा से पाकिस्तान की तरफ से ही हुए हैं।
उन्होंने जोर देकर कहा कि पाक, कश्मीर में बनी यथास्थिति में बदलाव चाहता है लेकिन जहां तक भारत का सवाल है वह इसके साथ खुश है। मेरा यह मानना है कि संघर्ष विराम की इन घटनाओं से कश्मीर की यथास्थिति में बदलाव नहीं आएगा।
हक्कानी के मुताबिक अगर कारगिल वॉर स्थिति नहीं बदल सका, वर्ष 1965 में ऑपरेशन जिब्राल्टर इसे बदल नहीं सका तो फिर अब इससे कुछ हासिल नहीं हो सकेगा। जो कुछ हम देखेंगे वह कुछ और नहीं बल्कि हिंसा और आतंकवाद की कुछ घटनाएं होंगी लेकिन इससे न तो भारत, पाकिस्तान और न ही कश्मीरी का भला होगा।
हक्कानी ने कहा कि दोनों देशों के बीच संबंधों में सुधार को पहली प्राथमिकता दी जानी चाहिए और संबंध बेहतर होने चाहिए। कश्मीर मसले को बातचीत के जरिये सुलझाने पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि शिमला समझौते में इस बात को कहा गया है कि यह मुद्दा सिर्फ बातचीत से ही सुलझाया जा सकता है।