सीपीईसी के बहाने पाक को फिर मिली चीन से बड़ी राशि, अब तक 1.025 ट्रिलियन रुपए
चीन, चीन-पाकिस्तान आर्थिक कॉरीडोर (सीपीईसी) के तहत आने वाले तीन नए प्रोजेक्ट्स के लिए पाकिस्तान को देगा 107.76 बिलियन रुपए। सीपीईसी के लिए पाक को चीन की ओर से मिल चुके हैं 1.025 ट्रिलियन रुपए।
इस्लामाबाद। अभी एक हफ्ते पहले चीन ने चीन-पाकिस्तान आर्थिक कॉरीडोर (सीपीईसी) के लिए पाकिस्तान को कुछ रकम दी थी। एक बार फिर चीन, पाकिस्तान को और रकम देने की तैयारी में है। चीन ने ऐलान किया है कि सीपीईसी के तहत आने वाले तीन और प्रोजेक्ट्स के लिए वह पाक को कर्ज के तौर पर 107.76 बिलियन रुपए की रकम देगा।
तीन नए प्रोजेक्ट्स के लिए मिली रकम
इस आंकड़ें को मिलाकर अब तक चीन, पाक को करीब 1.025 ट्रिलियन की रकम दे चुका है। पिछले हफ्ते चीन ने पाकिस्तान को ग्वादर सिटी में एक स्टील फैक्ट्री के लिए अच्छी-खासी रकम दी है। यह स्ट्रील फैक्ट्री भी इसी सीपीईसी का हिस्सा है। पाकिस्तान के अखबार डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक चीन पहले ही तीन रोड प्रोजेक्ट्स के लिए 917 बिलियन रुपए भी पाक को दे चुका है। चीन ने जो 107.76 बिलियन रुपए की रकम पाक को देने का ऐलान किया वह भी चीन को तीन और रोड प्रोजेक्ट्स के लिए दी गई है। यह तीनों नए प्रोजेक्ट्स कॉरिडोर के वेस्टर्न रूट पर होंगे। डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक इन तीन नए प्रोजेक्ट्स में रायकोट से थाकोट तक 280 किमी की सड़क पर आठ बिलियन, यारिक से जहोब तक 210 किमी के डबल कैरिजवे के लिए 80 बिलियन और बासिमा से खुजदार तक 110 किमी तक के लिए 19.7 बिलियन रुपए खर्च होंगे। दोनों देश इससे जुड़ा एक एग्रीमेंट 29 दिसंबर को बीजिंग में साइन करेंगे। कई बिलियन डॉलर वाला सीपीईसी चीन और पाक के बीच व्यापार और संपर्क को बढ़ाने के मकसद से शुरू किया गया है। इसके तहत दोनों देश हाइवे, रेलवे और पाइपलाइन का निर्माण करेंगे। इसके आलोचकों की मानें तो सीपीईसी एक खराब योजना, भ्रष्टाचार, भेदभाव और पूंजीवाद को बढ़ाने वाला प्रोजेक्ट है। बहुत से पाक सीनेटर्स का मानना है कि चीन, पाक में भले ही पैसा भेज रहा हो लेकिन चीन इसकी बढ़ती लागत से खुद काफी परेशान है।
लेकिन चीन में जारी सीपीईसी का विरोध
चीन में भी अब सीपीईसी को लेकर विरोध शुरू हो गया है। पिछले दिनों चीन के एक न्यूजपेपर में आए एडीटोरियल में लिखा था कि चीन और पाकिस्तान के लिए सीपीईसी को आगे बढ़ाना काफी मुश्किल होगा क्योंकि यहां पर काफी जटिल क्षेत्रीय वातावरण है और दोनों देशों के लोगों को इस कॉरिडोर की संभावित असफलता को झेलने के लिए भी तैयार रहना होगा। पिछले हफ्ते सीपीईसी की आलोचनाओं से तंग आकर पाकिस्तान में चीन के राजदूत झहाओ लिजियान अपना आपा तक खो बैठे थे। वह पाकिस्तान मीडिया उलझ गए थे। उन्होंने कहा कि सीपीईसी काफी बेहतर कर रहा है लेकिन फिर भी कुछ लोग हैं जो इस प्रोजेक्ट को खराब करने पर तुले हुए हैं। उन्होंने कहा कि इस पाक के ज्यादातर लोगों का समर्थन भी हासिल है।