नोटबंदी के चलते दो दिन तक नहीं कर पाया पत्नी का अंतिम संस्कार
नोटबंदी का असर, अकाउंट में पैसे रहने के बावजूद 2 दिनों तक नहीं करवा सका पत्नी का अंतिम संस्कार।
नोएडा। नोटबंदी कर मोदी सरकार ने कालाधन रखने वालों पर नकेल तो कस दी, लेकिन आम लोगों को इससे काफी परेशानी हो रही है। कैश की किल्लत से लोग जूझ रहे हैं। नकदी की कमी के चलते लोग अपना जरुरी काम तक नहीं निपटा पा रहे हैं, ऐसे में एक दर्दनाक घटना सामने आई है, जिसमें एक मजबूर पति नोटबंदी की वजह से पैसे रहते हुए अपनी पत्नी को 2 दिनों तक अंतिम संस्कार नहीं करवा पाया।
घटना नोएडा की है, जहां 65 साल के दिहाड़ी मजदूर मुन्नी लाल की पत्नी फूलमती देवी का सोमवार को कैंसर के चलते देहांत हो गया था। मुन्नीलाल के पास इतनी भी नकदी नहीं ती कि वो अपनी पत्नी का शव अस्पताल से घर तक लेकर जा सके। मुन्नीलाल की मजबूरी को अस्पताल ने समझी और उसे बिना फीस लिए एंम्बुलेंस मुहाया कराई, जिसकी मदद से वो अपनी पत्नी का शव घर तो ले आया, लेकिन अब अंतिम संस्कार के लिए वो कैश नहीं जुटा पा रहा था।
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पैसे उसके बैंक अकाउंट में थे। उसने बैंक की कतार में लगकर कैश निकालने की कोशिश भी की, लेकिन बैंक में पैसे न होने की वजह से उन्हें कैश नहीं मिल सका। परेशान मुन्नीलाल के पास और कोई विकल्प नहीं थी, जिसके बाद वो 2 दिनों तक इंतजार करता रहा, लेकिन जब किसी से कोई मदद नहीं मिली तो उसने पुलिस से संपर्क करना ही बेहतर समझा।
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मुन्नीलाल की मदद के लिए एक पुलिस अधिकारी ने उसे 2,500 रुपए दिए, वहीं एक स्थानीय नेता ने उन्हें 5,000 रुपए की मदद की, लेकिन उसने मदद के रुपयों से पत्नी का दाह संस्कार करने से इनकार कर दिया। जिसके बाद जिला प्रशासन की मदद से वो बैंक से पैसे निकालने में सफल रहा और दो दिनों तक इंतजार करने के बाद अपनी पत्नी का अंतिम संस्कार करवा सका। आपको बता दें कि इसी तरह का एक मामला कल गाजियाबाद में भी सामने आया था, जहां नोटबंदी की वजह से एक शख्स का अंतिम संस्कार नहीं हो पा रहा था। बाद में एनजीओ की मदद से परिवार को कैश मुहैया कराई गई।