तो अरविंद केजरीवाल के चलते दिल्ली पाएगी सजा!
नई दिल्ली (विवेक शुक्ला)।दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग के सख्त पत्र के बाद क्या मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सुधरेंगे? उन्होंने अपने पत्र में एक शेर कहा, ये जबर भी देखा है तारीख की नजरों ने, लम्हों ने खता की थी सदियों ने सजापाई।
जंग ने अपने पत्र में कहा कि केजरीवाल केन्द्र शासित प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं। प्रधानमंत्री के लिए उनकी अनुचित बयानबाजी देश और देश के बाहर अशोभनीय टिप्पणी का कारण बन सकती हैं।
बड़ी उम्मीदें
वरिष्ठ पत्रकार हबीब अख्तर कहते हैं कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि दिल्ली और देश की जनता ने आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से बड़ी उम्मीदें लगा रखी हैं। इसी उम्मीद की वजह है कि उन्हें दिल्ली में प्रचण्ड बहुमत मिला।
वह बहुत से वायदों के साथ सरकार में आये हैं। वह जिस प्रदेश दिल्ली के मुख्यमंत्री है उसके पास संवधान से प्राप्त सामित अधिकार हैं। उन्हें यह मालूम है कि जिस संविधान की रक्षा की उन्होंने शपथ लेकर मौजूदा पदभार ग्रहण किया है। उसी संविदान ने दिल्ली के उपराज्यपाल को सरकार का दर्जा दिया है। इसलिए उन्हें शासन प्रशासन के तौर तरीकों में बदलाव के कार्य के साथ उपराज्यपाल पद की गरीमा और उसके अधिकार को मानना होगा।
केजरी को चेताया
जंग ने केजरीवाल को चेताया है कि आप बार-बार ऐसी अधिसूचनाएं जारी कर रहे हैं जो उपराज्यपाल के पास सहमति के लिए कभी नहीं आयी। यह कानून एवं स्थापित परम्परा के खिलाफ है, जिसे कभी भी कानूनी चुनौती दी जा सकती है। यह कहने के बावजूद उन्होंने सुझाव भी दिया है कि कानूनी जटिलताओं से बचने के लिए एक्स पोस्ट फैक्टो सहमति के लिए एवं सरकार के हित में मेरे पास तुरंत भेजा जाना चाहिए। महिला आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्यों की नियुक्ति को गलत करार देते हुए संशोधित अधिसुचना के लिए कानून के मुताबित नियुक्ति की सिफारिस भेजने का अनुरोध किया है।
अधिकारों में रहें
उन्होंने कह दिया है कि वे अपने तहत आने वाले अधिकार की सीमा में रहें। उन्होंने दिल्ली महिला आयोग के पुनर्गठन से जोड़ते हुए की है। उन्होंने सरकार का अर्थ बताते हुए लिखा है कि सरकार का अर्थ है राष्ट्रपति द्वारा संविधान के अनुच्छेद 239 और अनुच्छेद 239ए के तहत नियुक्त किया हुआ राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र का उपराज्यपाल।
उपराज्पाल नजीब जंग ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरिवाल को एक शेर पेश कर चेताया है कि ऐसा न हो जो आपसे जनाकांक्षाएं जुड़ी है वह पूरी न हो पाएं इसलिए। जरा संभल कर चलें। संविधान एवं कानून सम्मत प्रक्रिया को अपनाएं।