थकी-हारी दिल्ली को सुकून देता कौन है यह नौजवान?
नई दिल्ली (विवेक शुक्ला)। ये देखने में आकर्षक नौजवान कौन है? इसे आप राजधानी के कनाट प्लेस के आसपास के किसी मेट्रो स्टेशन के नीचे रोज भारतीय और वेस्टर्न संगीत की धुने बजाते हुए देख सकते हैं। मोहम्मद ऱफी और किशोर कुमार के खास पसंद किए जाने वाले गीतों की जब ये धुनें बजाता है, तो दिल बाग-बाग हो जाता है। इसे सुनने वाले हर उम्र के लोग होते हैं। कुछ लम्हों के लिए इसे सुनने के बाद लोग अपनी मंजिल की तरफ निकल जाते हैं।
बार-बार नाम पूछने पर भी ये अपना नाम नहीं बताता। ये नौजवान चुप ही रहता है। लगता है कि इसकी तो संगीत से ही लौ लग गई है। इसके हाथों में गिटार रहता है। आम तौर पर सुबह 11 बजे से 1 बजे तक और फिर शाम को 5 बजे से 7 बजे तक ये नौजवान मधुर धुनें सुनाकर सुनने वालों की दिल खुश कर देता है।
इसे मेट्रो स्टेशनों की सुरक्षा में लगे सुरक्षाकर्मी भी कुछ नहीं कहते। ये किसी से उम्मीद नहीं करता कि इसे कोई कुछ पैसे दें। एकाध लोगों ने इसके हाथों में नोट थमाने की कोशिश की तो इसने मना कर दिया। हालांकि दिल्ली में सर्दियों के महीनों में संगीत के बहुत से कार्यक्रम होते हैं, पर इसने तो जाड़ों की दस्तक से पहले ही अपना रंग जमाना शुरू कर दिया है। सच में ये शोर-शराबे से थकी हारी दिल्ली को सुकून देता है यह नौजवान।