अब कहां जायेंगे बेघर हुए ढाई दर्जन सांसद?
नई दिल्ली (विवेक शुक्ला)। लोकसभा का चुनाव हुए और उसके बाद नतीजे आने को लगभग एक साल हो रहा है, पर अभी तक तीस सांसदों को राजधानी में उनके स्थायी घर नहीं मिले हैं।
सबसे बड़ी बात ये है कि अब सरकार इनके लिए सस्ते गेस्ट हाउस और होटल तलाश रही है। अभी तक इन्हें अस्थायी रूप से अशोक होटल में कमरे दिए गए हैं। अब सरकार इन्हें होटल सम्राट या होटल जनपथ में शिफ्ट करने का मन बना रही है।
हाथ-पैर फूले
सरकार के हाथ-पैर फूले हुए हैं कि इन सांसदों के लिए घरों की व्यवस्था कैसे जल्दी से जल्दी हो। इस काम में लोकसभा की आवास समिति बिजी है। इन्हें घर न मिलने की एक वजह ये है कि इन्हें इनके कद के मुताबिक घर नहीं मिल पा रहे हैं। अगर कोई सांसद पहले अपने राज्य में मंत्री रहा होता है तो उसे दिल्ली के लुटियन जोन में बंगला मिलता है।
बंगलों की कमी
पर लुटियन जोन में बंगलों की कमी के कारण बहुत से सांसदों को घर नहीं मिल पा रहे। ये छोटे घरों में शिफ्ट होने के लिए तैयार नहीं है। अभी तक तो ये अशोक होटल में ठहरे थे। इसका रोज का किराया करीब 8 हजार रुपये हैं। सरकार के लिए रोज के हिसाव से 8 हजार रुपये देना कष्टकारी साबित हो रहा है।
अब इन्हें सम्राट होटल या जनपथ होटल में शिफ्ट करने की भी योजना है। इनमें किराया कम है। इसी के साथ इन बेचारें सांसदों को बिहार, यूपी भवनों में भी शिफ्ट करने पर विचार हो रहा है।
कितना खर्चा हुआ
जानकारी के अनुसार, सरकार साल 1990-91 से लेकर 2013-14 तक सांसदों को अस्थायी आवास देने के बदले में करीब 35 करोड़ रुपये खर्च कर चुकी है।