दिल्ली में बदस्तूर जारी है तिरंगे का अपमान
नई दिल्ली(विवेक शुक्ला) राजधानी में विश्व पुस्तक मेले के आयोजन स्थल प्रगति मैदान के ठीक बाहर तिरंगे का अपमान बदस्तूर जारी है। प्रगति मैदान के बाहर रोज कुछ औरतें इधर आ रहे लोगों को छोटा सा कागज तिरंगा देने की फिराक में रहती हैं। लोगों की कमीज,कोर्ट या जैकेट पर एक छोटा तिरंगा लगाने की कोशिश होती हैं। आज भी ये सब हो रहा था। इन औरतों को किसी पुलिसवाले का डर नहीं है। डर भी क्यों हो.. क्योंकि पुलिसवाले तो वहां पर बैठकर सारा नजारा देख रहे होते हैं।
आज जब इस लेखक ने इन औरतों की हरकतों के बारे में वहां पर ड्यूटी दे रहे पुलिसवालों को बताया तो उन्होंने कहां कि हम क्या करें। हमें और दस काम हैं। यानी तिरंगे का अपमान मामूली बात है। बहरहाल, अगर कोई इन्हें तिरंगा लगाने से मना करता हैं तो ये इनका काफी दूर तक पीछा करती हैं। इस सारी कवायद में कई बार तिरंगा जमीन में गिर जाता है। तिरंगे का अपमान होता है। ये झंडा लगाने के बाद 50-100 रुपये लोगों से मांगती है। इसे आप उगाही भी कह सकते हैं।
भारत सरकार के एक विभाग से हाल ही में रिटायर हुए सी.जे.सिंह ने कहा कि ये सारा मामला बेहद गंभीर है। इस तरफ दिल्ली पुलिस को गौर चाहिए। सवाल उठता है कि इन औरतों को किसने तिरंगे तो इस तरह से जोर-जबरदस्ती के बेचने की इजाजत दी। ये सारा मामला बेहद अफसोसजनक है। बता दें कि प्रगति मैदान दिल्ली पुलिस हेड क्वार्टर और सुप्रीम कोर्ट के बेहद करीब है। इसके बावजूद खुल्लम-खुल्ला हो रहा है तिरंगे का अपमान। क्या कोई इस तरफ गौर करेगा ?क्या तिरंगे का सम्मान करने की याद हमें 15 अगस्त या 26 जनवरी को ही आती है ?