मोदी के आगे नहीं चली किसी की मर्जी, PMO की मंजूरी से होगी निजी सचिवों की नियुक्ति!
वहीं अब प्रधानमंत्री कार्यालय ने तय समय सीमा से ज्यादा दिनों तक केंद्रीय मंत्रियों के साथ रहनेवाले अधिकारियों को हटाने का निर्णय लिया है। प्रधानमंत्री कार्यालय ने पूर्ववर्ती सरकार के मंत्रियों के साथ काम करने वाले स्टॉफ को रखा जाये या नहीं, इस पर विचार कर रहा है। स्क्रूटनी के बाद ही पीएमओ नई नियुक्तियों को मंजूरी देने पर फैसला करेगा।
मंत्रियों के निजी सचिवों की नियुक्ति पर फिलहाल लगी रोक से गृह मंत्री राजनाथ सिंह सहित करीब आठ वरिष्ठ मंत्री प्रभावित होंगे। वे अपनी मरजी से निजी सचिव नियुक्त नहीं कर पायेंगे। नयी सरकार के फैले के मुताबिक मंत्रियों के निजी सचिवों की नियुक्ति पीएमओ के द्वारा की जाएगी। यह फैसला नौकरशाही में आमूल-चूल परिवर्तन के रूप में देखा जा रहा है।
सूत्रों के मुताबिक कार्मिक मंत्रालय ने एक सर्कुलर जारी किया है, जिसके मुताबिक मंत्रियों के निजी स्टाफ में नियुक्ति के लिए कैबिनेट की नियुक्ति समिति से मंजूरी लेना अनिवार्य है। प्रधानमंत्री कार्यालय ने मंत्रियों के निजी सचिवों की नियुक्ति पर एक रिपोर्ट मांगी है। ऐसा कहा जा रहा है कि सरकार इस संबंध में एक नीति बना रही है कि क्या ऐसे अधिकारियों को मंत्रियों का निजी सचिव बनाये रखा जाये, जो पूर्व सरकार के मंत्रियों के निजी सचिव भी रह चुके हैं।