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दिल्ली यूनिवर्सिटी में टीचर्स नहीं जा सकते लाइब्रेयरी में

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नई दिल्ली(विवेक शुक्ला) दिल्ली यूनिवर्सिटी (डीयू)में इन दिनों कुछ शिक्षकों को जमकर जलील किया जा रहा है। हालात को सुधारने की भी कोई कोशिश नहीं हो रही। दरअसल डीयू की सेंट्रल लाइब्रेरी में शिक्षकों को इन दिनों नये नियम कानून की आड़ में अच्छा खासा जलील होना पड़ रहा है।

नहीं हकदार

डीयू के एक तदर्थ टीचर डा.ए. कुमार ने बताया कि अगर आपके पास कॉलेज का पहचान पत्र और लाइब्रेरी मेम्बरशिप नहीं है या आप तदर्थ शिक्षक हैं तो आप सेंट्रल रेफरेंस लाइब्रेरी के रिसर्च फ्लोर पर सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक बैठने के हकदार नहीं है।

परेशान टीचर्स

इस नियम के चलते बड़ी संख्या में तदर्थ टीचर्स परेशान होते हैं जो लाइब्रेयरी में पढ़ने-लिखने के लिए जाते हैं। इस तरह की व्यवस्था पहले कभी नहीं रही। डीयू में सैकड़ों तदर्थ टीचर्स हैं।

एक घाट पर सब

मंगलवार को इस तरह की कई घटनाएं हुईं। हालांकि रात में देखा तो लाइब्रेरी में कामकरने वाले रामराज आ गये थे। वैध अवैध सब एक ही घाट पर आकर पानी पी रहे थे। कोई किसी को टोकने या पूछताछ करने वाला नहीं था। अपमानजनक स्थिति से गुजरने के बाद एक तदर्थ शिक्षक ने कहा, वोटिंग राइट्स है और विद्वत परिषद का चुनाव लड़ सकते हैं। गर्मी की छुट्टियों में ड्यूटी भी खूब कराई जाती है लेकिन लाइब्रेरी में बैठने का हक नहीं।

हो पड़ताल

दिल्ली यूनिवर्सिटी में लगभग 40 सालों तक हिन्दी पढ़ाते रहे डा. प्रताप सहगल ने कहा कि ये बेहद अफसोस की बात है कि डीयू अपने ही टीचर्स का सम्मान करना भूल गई। ये जिसके भी इशारे पर हो रहा है, उसकी पड़ताल हो जाए तो बेहतर रहेगा। जो जिम्मेदार है, उसे दंडित किया जाए।

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English summary
Delhi University teachers cannot enter the main library. Due to this reason, ad-hoc teachers face lot of hardships. This rule should go at one go.
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