व्हाट्सएप पर प्राइवेसी को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट का बड़ा फैसला
नई दिल्ली। नेटवर्किंग साइट व्हाट्सएप की नई प्राइवेसी नीति को दिल्ली हाईकोर्ट ने हरी झंडी दे दी है।
25 अगस्त को अपनी प्राइवेसी पॉलिसी में बदलाव के बाद यूजर्स की जानकारी के गलत इस्तेमाल के खतरे के आरोप का सामना कर रही व्हाट्सएप को हाइकोर्ट ने बड़ी राहत दी है।
हाइकोर्ट ने व्हाट्सएप की नई नीतियों पर रोक लगाने को लेकर दायर की गई याचिका पर सुनवाई के बाद साइट के पक्ष में फैसला दिया।
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हाइकोर्ट ने कहा कि व्हाट्सएप अपनी एक महीने पहले शुरू की गई नई प्राइवेसी पॉलिसी को जारी रख सकता है, लेकिन इसके साथ ही कोर्ट ने वहाट्सएप को कई दिशा निर्देश भी दिए हैं।
कोर्ट ने व्हाट्सएप को यूजर की जानकारी फेसबुक पर साझा ना करने और अकाउंट डिलीट होते ही यूजर की जानकारी सर्वर से हटा लेने की बात कही।
ये है पूरा मामला
25 अगस्त को व्हाट्सअप ने अपने यूजर्स के डाटा से संबधित कुछ नए कायदे -कानून जारी किए हैं। जिसके बाद यूजर्स की जानकारी के गलत इस्तेमाल का खतरा बढ़ने की बात कही जा रही है।
कहा जा रहा है कि व्हाट्सएप से किसी अकाउंट के डिलीट करने के बाद भी एक महीने तक सर्वर पर डाटा मौजूद रहेगा। साथ ही व्हाट्सएप से यूजर्स की जानकारी फेसबुक पर भी साझा की जाएगी। इसी को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी।
याचिकाकर्ता ने कोर्ट में दाखिल याचिका में सोशल नेटवर्किंग साइट के नए कायदे-कानूनों पर सवाल उठाते हुए नई सोशल साइट की नई प्राइवेसी पॉलिसी पर रोक लगाने का आग्रह किया गया था।
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व्हाटसएप ने इसके जवाब में सफाई देते हुए कहा था कि अकाउंट के डिलीट होने के साथ ही सर्वर से यूजर की जानकारी हट जाएगी, ये बाद में सर्वर पर नहीं होगी। साथ ही बताया गया कि व्हाट्सएप फेसबुक पर यूजर्स के सिर्फ नाम और नंबर साझा करता है ना कि और कोई जानकारी।
चीफ जस्टिस जी रोहिनी और संगीता ढींगरा की बैंच ने पूरा मामला सुनने के बाद 23 सितंबर के लिए आदेश सुरक्षित रख लिया था। आज इस पर फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने कहा कि व्हाट्सएप अपनी नई प्राइवेसी पॉलिसी को जारी रख सकता है।