दिल्ली दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर, प्रदूषण की वजह से हो रहीं गंभीर बीमारियां
नई दिल्ली। विश्व स्वास्थय संगठन के अनुसार, दिल्ली की हवा दुनियाभर की बड़े शहरों (मेगासिटीज) में सबसे ज्यादा प्रदूषित है।
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इंडियास्पेंड के मुताबिक, विश्व स्वास्थय संगठन ने दिल्ली की हवा को सांस लेने के लिए सुरक्षित नहीं पाया है। हवा में पाया जाने वाला फाइन पार्टिकुलर मैटर (पीएम2.5) का लेवल 22 सितंबर से 28 सितंबर के बीच सुरक्षित स्तर से चार गुना ज्यादा पाया गया है। जो सेहत के लिए गंभीर है।
लंबे समय की अवधि में पीएम2.5 का दिल्ली में स्तर विश्व स्वास्थय संगठन के मानक से 11 दुना ज्यादा है। मानसून के दौरान दिल्ली की हवा अपेक्षाकृत थोड़ा साफ पाई गई। ऐसा बारिश के साथ कई तरह के दूषित कणों के बैठ जाने की वजह से हुआ। बारिश खत्म होने के बाद प्रदूषण बढ़ने लगा।
दिसंबर 2015 में सांस लेने की हवा में प्रदूषण मापने वाली डिवाइस ने दिल्ली की हवा को बीजिंग (चीन) से डेढ़ गुना ज्यादा खराब पाया था। 2102 में हवा में पए जाने वाले पीएम2.5 और पीएम10 प्रदूषण की वजह से चीन में 10 लाख मौते हुई। जबकि भारत में 6,21,138 मौतें हुईं।
2011 से 2015 के बीच 14 मिलियन ( 1 करोड़, चालीस लाख) से ज्यादा आबादी वाले शहरों में दिल्ली की हवा की हालत शंघाई और बीजिंग से भी बदतर थी।
स्वास्थय
के
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ठीक
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हवा
दिल्ली में पीए10 लेवल सबसे खराब स्थिति में है, उसके बाद काहिरा और फिर ढाका है। इसमें बीजिंग छठे और शंघाई सातवें नंबर पर है। हवा में पीएम2.5 और पीएम10 का ज्यादा लेवल कई खतरनाक बीमारियों की वजह है।
दिल्ली में जहां पीएम10 की मात्रा हवा में बेहद ज्यादा है वगीं ग्वालियर और इलाहाबाद में पीएम2.5 की मात्रा चिंता का सबब है।
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दिल्ली में प्रति वर्ग किलोमीटर में 11297 लोग रहते हैं। दिल्ली दुनिया के सबसे भीड़ वाले शहरो में है। वायु प्रदूषण से बच्चे, औरतें और बूढ़े व्यक्ति ज्यादा प्रभावित होते हैं। विश्व स्वास्थय संगठन के मुताबिक, विकसित देशों के मुकाबले गरीब देशों में वायु प्रदूषण से मौत के मामले ज्यादा सामने आते हैं।
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