सुषमा-स्मृति की सभाओं में दिखा केजरीवाल फैक्टर
नई दिल्ली (विवेक शुक्ला)। दिल्ली में सरकार बनाने के ख्वाब देख रही भाजपा नेताओं की पेशानी से जाड़े में भी पसीने छूट रहे हैं। जी हां ऐसा इसलिये क्योंकि बड़े नेताओं जैसे सुषमा स्वराज और स्मृति ईरानी की सभाओं में अब केजरीवाल फैक्टर दिखाई देने लगा है। यह फैक्टर वैसे तो अदृश्य है, लेकिन इसका असर इतना भयानक है कि सभाओं में 200 लोग जुटाना भी मुश्किल हो रहा है।
प्रचार में झोंका
मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने दक्षिण और उत्तर पश्चिम दिल्ली में कई सभाओं को संबोधित किया। स्वराज की मुखर्जी नगर की सभा में 100-150 लोग ही जुटे। हालांकि यहां से भाजपा की उम्मीदवार रजनी अब्बी कभी मेयर भी रही हैं। स्मृति ईरानी की भी सभाएं फीकी चल रही हैं। इनको लेकर कोई उत्साह नहीं है।
मोदी का सहारा
भाजपा के एक नेता ने दावा किया कि मोदी जी की 31 जनवरी से होने वाली सभाओं के बाद राजधानी में भाजपा के हक में बयार बने लगेगी। कुल मिलाकर भाजपा को मोदी के मैजिक का ही सहारा है।
इस बीच, पार्टी ने प्रचार के लिए अपने कुछ बड़े नेताओं को उतारा और अपने केंद्रीय कैबिनेट मंत्रियों और एक मुख्यमंत्री से कहा कि चुनावों के लिए प्रचार करें जहां उसे अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी से कड़े मुकाबले का सामना करना पड़ रहा है।
भाजपा ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को चुनाव प्रचार के लिए उतारा है जिन्होंने दक्षिण पश्चिम दिल्ली के बिजवासन में जनसभा की। बिजवासन हरियाणा से सटा हुआ है। पर इधर भी कोई खास उत्साह नहीं लोगों में । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी आज कुछ इलाकों में प्रचार करेंगे जबकि स्वराज और ईरानी को प्रचार जारी रखने के लिए कहा गया है।
कैसे आया केजरीवाल फैक्टर
दिल्ली के मयूर विहार में रहने वाले संतोष त्रिपाठी ने वनइंडिया से बातचीत में कहा कि केजरीवाल की आम आदमी पार्टी के लोग घर-घर जाकर प्रचार कर रहे हैं। वो घर पर आते हैं, बैठते हैं, जनता की समस्याओं की लिस्ट बनाते हैं और फिर उनके निराकरण कैसे किये जायें, उस पर सवाल करते हैं। इससे जनता का उनसे जुड़ाव बढ़ जाता है। हो सकता है यही कारण हो कि भाजपा की सभाओं में भीड़ नहीं जुट पा रही है।
साउथ दिल्ली के रहने वाले सौरभ अग्रवाल ने बताया कि ठंड भी एक बड़ा कारण हो सकती है। जनवरी खत्म होने को आ गई, लेकिन ठंड में कमी नहीं हुई है। और इधर अत्याधिक ठंड के कारण लोगों के ऑफिस, बिजनेस, आदि का हर्जाना भी बहुत हुआ। हो सकता है इस कारण लोग सभाओं के लिये समय नहीं निकाल पा रहे हों।