दिल्ली भाजपा की चाहत, परवेज मुशर्ऱफ के ‘घर’ को जीतना
नई दिल्ली (विवेक शुक्ला) राजधानी में होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा की दो ख्वाहिशें हैं। पहली, उसे बहुमत मिल जाए। दूसरी, उसे मटियामहल सीट हर हालत में मिल जाए। दरअसल दिल्ली 6 की इस सीट से भाजपा ने अपने एक मात्र मुसलमान उम्मीदवार को उतारा है।
मुशर्रफ का जन्म स्थान
इसी इलाके में कभी पैदा हुए थे पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ। उनकी हवेली अब भी है गोलचा सिनेमा के पीछे। वे 2001 में अपनी भारत यात्रा के समय इधर आए भी थे। दरअसल इधर उनकी ननिहाल थी। उनकी मां दिल्ली के आईपी कालेज में पढ़ती थीं।
भाजपा उम्मीदवार का नाम है शकील अंजुम देहलवी। देहलवी ने पिछला चुनाव आम आदमी पार्टी से लड़ा था। उनके पक्ष में दिल्ली भाजपा के दो दिग्गज डॉ. हर्षवर्धन और विजय गोयल भी कैंपेन कर रहे हैं। दोनों चांदनी चौक से जुड़े हैं। मटियामहल चांदनी चौक लोकसभा सीट का हिस्सा है। इधर मुस्लिम-67 फीसदी, सिख-2 फीसदी, हिंदू-31 फीसदी हैं।
इसलिए मिली देहलवी को टिकट
जानकारों का कहना है कि भाजपा को मुस्लिम-बहुल वोट बैंक वाले इस इलाके में पार्टी को किसी अल्पसंख्यक को ही टिकट देना ही था, इसलिए देहलवी को टिकट मिल गई।
प्रकाशन का धंधा
शकील अंजुम देहलवी का प्रकाशन का बिजनेस है। वे समाजसेवी और स्वतंत्रता सेनानी स्वर्गीय अनवर देहलवी के पुत्र हैं और सामाजिक कार्यों से भी जुड़े हुए हैं। उनके पिता स्वर्गीय अनवर देहलवी 17 साल तक दिल्ली के पार्षद रहे हैं। देहलवी का परिवार जनसंघ से जुड़ा रहा है और उनके पिता अनवर देहलवी दो बार महानगर पार्षद का चुनाव जीत चुके हैं। उनकी मौसी बेगम खुर्शीद भी तीन बार महानगर पार्षद रह चुकी हैं।
बेशक इधर मुख्य मुकाबला शकील अंजुम देहलवी और कांग्रेस प्रत्याशी शोएब इकबाल के बीच है। इकबाल पांच बार से इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। पहले इधर भाजपा का प्रत्याशी मुख्य चुनाव से लगभग बाहर ही रहा है। लेकिन इस बार पार्टी देहलवी पर दांव लगाकर मुख्य लड़ाई में आ गई है। मटियामहल निवासी मकसूद अहमद कहते हैं कि इस बार भाजपा इधर बड़ी उलटफेर कर सकती है।