23 साल बाद जेल से रिहा हुए पिता को देखते ही 24 साल के बेटे को पड़ा दिल का दौरा, मौत
24 साल के साजिद ने जैसे ही रिहा होकर जेल से बाहर आते हुए अपने पिता को देखा उसको दिल का दौरा आ गया, परिजन उसे लेकर अस्पताल पहुंचे। जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया।
मुंबई। 24 साल के साजिद ने पिता की रिहाई के बाद बहुत से सपने देखे थे, वो अपनी शादी की भी योजना बना रहा था। होश संभलाने के बाद पहली बार वो अपने अब्बा को वो घर पर देखने वाला था लेकिन 23 साल बाद जेल से रिहा हो रहे पिता के घर आने से पहले वो खुद दुनिया छोड़ गया। पिता को लेने जेल गया साजिद ने पिता को जेल से बाहर आते देखा तो वो भवानाओं पर काबू ना कर सका, उसे हार्ट अटैक आया और उसने दम तोड़ दिया।
मुंबई के रहने वाले हसन का एक युवक से झगड़ा हुआ था, जिसकी मारपीट के बाद मौत हो गई। कत्ल के जुर्म में 1977 में मुंबई पुलिस ने हसन को गिरफ्तार कर लिया। 1978 में कोर्ट ने उसे दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुना दी। हसन को 1981 में बॉम्बे हाईकोर्ट से जमानत मिल गई लेकिन 1996 में हाईकोर्ट ने इस मामले में हसन की उम्रकैद की सजा को बरकरार रखा और उसे यरवदा जेल भेज दिया गया।
टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबुक, 1996 में जब हसन को बॉम्बे हाईकोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई थी तो उनका बेटा साजिद चार साल का था। साजिद ने हमेशा घर में हमेशा पिता की कमी महसूस की। हसन ने सजा सुनाए जाने के बाद कभी पैरोल भी नहीं लिया लिया था, इसलिए 23 साल जेल में बिताने के बाद हसन पहली बार मंगलवार को कालंबा सेंट्रल जेल से रिहा होने के बाद घर लौट रहे थे, इसको लेकर उनका बेटा साजिद बहुत की खुश था। जैसे ही उसने रिहा होकर जेल से बाहर आते हुए अपने पिता को देखा उसको दिल का दौरा आ गया, परिजन उसे लेकर अस्पताल पहुंचे। जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। साजिद मुंबई के अंधेरी में एक मोटर ड्राइविंग स्कूल चलाता था। परिजनों ने बताया कि अपने पिता हसन की रिहाई के बाद साजिद शादी करने वाला था।