संजय राउत बोले-बीएमसी चुनावों के बाद महाराष्ट्र सरकार से समर्थन वापस ले सकती है शिवसेना
शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने सीधे तौर पर कह दिया है कि मुंबई में बीएमएसी चुनावों के बाद महाराष्ट्र सरकार से अपना समर्थन हम वापस ले सकते हैं।
मुंबई। शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने सीधे तौर पर कह दिया है कि मुंबई में बीएमएसी चुनावों के बाद महाराष्ट्र सरकार से अपना समर्थन हम वापस ले सकते हैं। इसके साथ ही 28 महीने पुरानी देवेंद्र फणनवीस सरकार को लेकर सुगबुगाहट शुरू हो गई है। विशेषज्ञों का यहां तक कहना कि शिवसेना और भाजपा में लगातार चल रही तनातनी के बीच गठबंधन को लेकर नया विचार भी शुरु हो गया है।
एक मराठी टीवी समाचार चैनल को दिए गए इंटरव्यू संजय राउत ने कहा कि हर राजनीतिक निर्णय का एक समय होता है। उन्होंने साफ कर दिया कि बीएसमी पोल के लिए उनका किसी भी राजनीतिक पार्टी से गठबंधन नहीं हुआ है। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के इस बात के राजनीतिक मतलब को आप सीधे समझ सकते हैं। इस समय मैं सिर्फ यह कहना चाहूंगा कि महाराष्ट्र सरकार नोटिस पर चल रही है।
महाराष्ट्र के राजनीतिक गलियारों में यह सुगबुगाहट बहुत तेज है कि बीएसमसी पोल के बाद शिवसेना अपना समर्थन महाराष्ट्र सरकार से वापस ले लेगी। शिवसेना के बयानों पर टिप्पणी करते हुए एक भाजपा नेता ने कहा कि यह बाला साहेब ठाकरे की शिवसेना नहीं है। उन्होंने संजय राउत के बयान को सिर्फ शिवसेना के मतदाताओं को खुश करने वाला बताया।
वहीं देवेंद्र फणनवीस सरकार में शिवसेना के दो मंत्रियों का मानना है कि उद्धव ठाकरे का यह निर्णय शिवसेना में आपसी फूट डाल सकता है।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि अगर शिवसेना फणनवीस सरकार का साथ छोड़ देती है तो वो ज्यादा बेहतरीन स्थिति में रहेगी और एक बार फिर से अपनी सत्ता स्थापित कर सकेगी। इसकी वजह से पार्टी के कार्यकताओं का जोश बढ़ेगा और शिवसेना को इस नई ताकत मिल जाएगी। साथ ही मतदाताओं के पास शिवसेना और अधिक विश्वनीयता के साथ जाकर अपनी बात रख सकेगी।
शिवसेना के एक विभाग प्रमुख ने भी इस तरफ इशारा करते हुए कहा कि संजय राउत सीधे तौर पर बीजेपी के साथ राज्य स्तर पर अपना गठबंधन खत्म करना चाहते हैं। इसका सीधा सा मतलब है कि वर्ष 2019 के चुनावों के लिए अभी तैयारियों में शिवसेना जुट जाए।
वहीं महाराष्ट्र में भाजपा नेता संजय सेहलर ने आरोप लगाते हुए कहा कि शिवसेना और कांग्रेस ने गुप्त रूप से समझौता कर लिया है। उन्होंने कहा कि बीएमसी चुनावों में शिवसेना और कांग्रेस आपसी सहमति से अपने प्रत्याशी उतारेगी। उन्होंने दावा किया कि 42 वार्डों में दोनों ही पार्टियों ने तय भी कर लिया है कि कौन से प्रत्याशी कहां से चुनाव लडेंगे।