जानिए हावरक्राफ्ट बोट की खासियत जिसके जरिए नरेंद्र मोदी ने किया शिवाजी मेमोरियल का जलपूजन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अरब सागर के बीच जाकर महाराष्ट्र के मुंबई में बनने वाले शिवाजी मेमोरियल के लिए जलपूजन किया। पीएम मोदी को हावरक्राफ्ट के जरिए पूजन स्थल तक पहुंचाया गया।
मुंबई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को महाराष्ट्र में थे। यहां उन्होंने करोड़ों की परियोजनाओं का शिलान्यास किया। इनमें से सबसे ज्यादा खास माना जा रहा है, वो है दक्षिण मुंबई के पास अरब सागर के बीच शिवाजी मेमोरियल। यहां पीएम मोदी अपने अन्य साथियों के साथ पहुंचे और जलपूजन किया। हालांकि जब पीएम मोदी समुद्र में उतरे तो लोगों का खास ध्यान उस बोट पर था, जिसके जरिए वो और बाकी लोग जल पूजन के लिए समुद्र के बीचो-बीच पहुंचे थे। तो आईए हम आपको बताते हैं कि वो क्या चीज थी, जिसके जरिए पीएम मोदी समुद्र के बीच शिवाजी मेमोरियल का जलपूजन करने समुद्र में गए थे।
पीएम मोदी जिस बोट से गए थे, उसे हावरक्राफ्ट कहा जाता है। हावरक्राफ्ट जल, जमीन,बर्फीली सतह और दलदल में भी आसानी से दौड़ सकता है। इसमें एक बड़े पंखे की मदद से हवा की एक सीट तैयारी की जाती है, जिस पर हावरक्राफ्ट तैरता है। इस सीट के कारण क्राफ्ट की स्पीड की उल्टी दिशा में विस्कस फ्रिक्शन फोर्स बहुत हद तक कम हो जाता है। हावरक्राफ्ट प्रायः नीचे से 200 मिमी से 600 मिमी की ऊँचाई पर 'तैरते' हुए आगे बढ़ते हैं। इनकी गति 20 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से अधिक होती है। भारत के पास फिलहाल 18 हावरक्राफ्ट हैं, जिनकी मदद से कोस्ट गार्ड तटों की निगरानी करते हैं। ये भी पढ़े: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अरब सागर में रखी शिवाजी स्मारक की आधारशिला
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को मुंबई में अरब सागर में दुनिया के सबसे बड़े स्मारक की आधारशिला रखी। मराठा योद्धा छत्रपति शिवाजी महाराज का भव्य स्मारक अरब सागर में तट से करीब डेढ़ किलोमीटर अंदर बनेगा। स्मारक की कुल ऊंचाई 192 मीटर होगी। इसके निर्माण में कुल 3600 करोड़ की लागत आएगी। यह देश ही नहीं पूरी दुनिया का सबसे बड़ा स्मारक होगा। मछुआरे और पर्यावरणविद अरब सागर पर स्मारक बनाने का विरोध कर रहे हैं। उनका मानना है कि इससे समुर्दी जीवन प्रभावित होगा और इसका असर लोगों पर भी पड़ेगा। ये भी पढ़ें:तस्वीरों में देखिए कैसे पीएम नरेंद्र मोदी ने शिवाजी मेमोरियल के लिए किया जलपूजन