महाराष्ट्र में छोटी पार्टियां हुईं अवसरवाद का शिकार
मुंबई। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा-शिवसेना में गठबंधन टूटने के बाद छोटी पार्टियां अवसरवाद में फंस गई हैं। भाजपा गठबंधन में जारी गतिरोध के दौरान से ही अन्य छोटी पार्टियों से बातचीत में लगे थी। इसके बाद गुरुवार को शिवसेना के साथ गठबंधन तोड़ दिया गया था। इसके पीछे छोटी पार्टियों के साथ हुई कोई गुप्त संधी का अंदेशा भी जताया जा रहा है।
वहीं अन्य छोटी पार्टियां भाजपा की केंद्र में सरकार को देखते हुए भाजपा से अलग होने के लिए तैयार नहीं हैं। बल्कि ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि छोटी अन्य पार्टियां महाराष्ट्र चुनाव में सीटे जीतने के बाद भाजपा से हाथ मिलाकर महाराष्ट्र सरकार बनाने का सपना देख रही हैं। कुल मिलाकर छोटी अन्य पार्टियां ऐसा अवसर देख रही हैं जिससे उनका अस्तित्व बचा रहे।
गौरतलब है कि पिछले पच्चीस साल से शिवसेना-भाजपा एक दूसरे के साथ थे। इतनी पुरानी दोस्ती टूटने के बाद महाराष्ट्र में राजनीतिक माहौल और भी ज्यादा गर्म हो गया है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि सभी छोटी पार्टियां भाजपा के साथ खड़ी हैं।