मुंबई में मछुआरे नहीं करेंगे शिवाजी मेमोरियल और नरेंद्र मोदी का विरोध
महाराष्ट्र स्थित मुंबई में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 24 दिसंबर को शिवाजी मेमोरियल की नींव रखने जाएंगे, जिसका मछुआरों का एक वर्ग विरोध कर रहा है। मुख्यमंत्री फड़नवीस ने इस संबंध में एक बैठक भी की।
मुंबई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 24 दिसंबर को महाराष्ट्र स्थित मुंबई पहुंचेंगे। यहां वो दक्षिणी मुंबई स्थित अरब सागर में छत्रपति शिवाजी के स्मारक की नींव रखेंगे।
हालांकि उनके इस कार्यक्रम से पहले यहां के मछुआरों ने मोर्चा खोल दिया है। मछुआरों में कोली समुदाय , राज्य सरकार की इस योजना का विरोध कर रहा है। उनका कहना है कि इससे उनकी रोजी रोटी छिन जाएगी।
हालांकि राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस और मछुआरों के एसोसिएशन के नेता के बीच हुई एक बैठक के बाद विरोध प्रदर्शन का फैसला टाल दिया गया है।
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नहीं करेंगे प्रदर्शन
मसले पर एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि मछुआरे, छत्रपति शिवाजी महाराज मेमोरियल भूमिपूजन के खिलाफ अपना विरोध प्रदर्शन वापस ले लिया है।
मुख्यमंत्री फड़नवीस और मछुआरा एसोसिएशन के नेताओं के बीच यह बैठक 22 दिसंबर यानी बृहस्पतिवार रात हुई।
जानकारी के मुताबिक फड़नवीस ने मछुआरों को इस बात के लिए आश्वस्त किया है कि उनकी चिंताओं का सरकार ध्यान रखेगी।
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अधिकारी के मुताबिक बैठक में मछुआरों की समस्याओं का समाधान करने के लिए संयुक्त समिति बनाने का फैसला लिया गया है।
लेकिन इन्होंने कहा...
बता दें कि राज्य सरकार जो मेमोरियल बनाने जा रही है, वो 192 मीटर ऊंची होगी और यह जगह राजभवन से डेढ़ किलोमीटर दूर है।
वहीं अखिल महाराष्ट्र मच्छीमार कृति समिति के सदस्यों ने कहा कि वो विरोध स्वरूप अपनी नावों और घरों पर कालाझण्डा लगाए रखेंगे।
समिति का दावा है कि इस मेमोरियल की वजह से दक्षिण मुंबई के 5 गावों के डेढ़ लाख मछुआरों की रोजी रोटी पर संकट आ जाएगा, जिनके पास 1,500 बड़ी और 450 छोटी नावें हैं।
समिति के अध्यक्ष दामोदर टंडेल ने कहा कि मछुआरे और उनकी पत्नियां, काले झण्डों के साथ नरीमन प्वाइंट से गिरगांव चौपाटी तक मानव श्रृंखला बनाएंगी।
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