महाराष्ट्र चुनावः पंचकोण में पांच धुरंधरों की साख दाव पर
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के दो सप्ताह पहले ही गठबंधन के टूटने केबाद पांच धुरंधरों की साख दाव पर लग गई है। पिछले दो दशकों में महाराष्ट्र के चुनावी मैदान पर इतना बड़ा बदलाव आया है। मुकाबला इतना दिलचस्प है कि पहले मुकाबला भाजपा-शिवसेना बनाम एनसीपी-कांग्रेस था तो अब गठबंधन टूटने के बाद मुकाबला बिखर गया है। अब तो किसी एक पार्टी की भी जीत पक्की नहीं लग रही है।
अपनी-अपनी जीने की संभावनाओं के बीच मुख्यमंत्री की कुर्सी पर पहले ही हक जताने को लेकर राष्ट्रीय और क्षेत्रीय पार्टियों के बीच मतदाता उलझन में है। इससे सबसे ज्यादा असर नरेंद्र मोदी की हवा और निर्मित हुए भाजपाई माहौल पर पड़ेगा। वोट बिखर जाएंगे। कुछ वोट एनसीपी को, कुछ वोट शिवसेना को तो कुछ बचा-कुचा वोट कांग्रेस व भाजपा को मिलता दिख रहा है।
इसकी पूरी संभावनाएं है कि वोट बिखराव के बने इस माहौल में राज ठाकरे की पार्टी महाराष्ट्र नव निर्माण सेना को कुछ फायदा हो जाए। यही नहीं, कुल 288 सीटों में से कांग्रेस और भाजपा को कम ही वोट मिलते दिख रहे हैं।
महाराष्ट्र व देशभर में हुए घोटाले से कांग्रेस के लिए वैसे भी पतन के कारण हैं। वहीं भाजपा सिर्फ और सिर्फ नरेंद्र मोदी की तरफ युवा मतदाता की सहानुभूति नाम की हवा के बल पर इतनी फूली नहीं समा रही है। अगर इस हवा ने काम नहीं किया तो हो सकता है कि भाजपा की झोली में गिने चुने वोट आएं।
दरअसल, असली मुकाबला शिवसेना बनाम एनसीपी में होना तय है। शरद पवार व अजित पवार मराठा वोट हासिल करने के लिए हाल ही राज्य में लागू हुए मराठा आरक्षण को भुनाने की कोशिश करेंगे।
इस पूरे पेंच में सबसे ज्यादा फायदे में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) रह सकती है। तो वहीं मतदाता के सामने कन्फ्यूजन की स्थिति और विकल्पों के आभाव में शिवसेना को ही लाभ पहुंचेगा। इस पंचकोणिए मुकाबले में कुल मिलाकर एनसीपी-शिवसेना सरकार बनने की आशंकाएं उभर रही हैं।