महाराष्ट्र की राजनीति में लगा लखनऊ का तड़का
मुंबई। महाराष्ट्र विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर ऊभरी है, लेकिन उसे बहुमत के आंकड़े हासिल नहीं हुए हैं। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे चौंकाने वाले है। भाजपा को 123 सीटेंमिलती दिख रही हैं तो वहीं शिवसेना नबंर 63 सीटें हासिल कर नबंर दो की पार्टी बन गई हैं। भाजपा के पास सरकार बनाने के लिए एनसीपी और शिवसेना के दो विकल्प हैं। अगर भाजपा एनसीपी के ऑफर को चुनती है तो लोगों के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की विश्वनीयता पर सवाल उठने लगेगा क्योंकि मोदी ने एनसीपी को भ्रष्टाचारी पार्टी करार देते हुए एनसीपी प्रमुख शरद पवार पर हमला किया था।
ऐसे में भाजपा के पास शिवसेना का विक्लप है। शिवसेना की ओर से भी इशारा किया जा रहा है कि वो भाजपा के साथ गठबंधन कर सकती हैं। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में साफ कर दिया कि अगर भाजपा उनसे समर्थन मांगे तो वो इसपर विचार करेंगे।उद्धव ठाकरे ने कहा कि वो समर्थन देने नहीं जाएंगे। अगर भाजपा उनसे संपर्क करेगी तो वो भाजपा से एक बार फिर जुड़ने पर विचार कर सकते हैं। वहीं भाजपा पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि उनके विकल्प खुले हुए हैं। उन्होंने एनसीपी के ऑफर को भी रिजेक्ट नहीं किया और कहा कि उन्होंने शिवसेना के साथ गठबंधन नहीं तोड़ा था।
ऐसे में भाजपा-शिवसेना के बीच पहले आप-पहले आप की होड़ मची हुई हैं। पहल करने की कोशिश पहले कौन करते हा इस पर सबकी नजर टिकी हुई हैं। वहीं टीवी सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है कि भाजपा के एक बड़े नेता ने शिवसेना प्रमुख उद्दव ठाकरे को फोन किया है और उनसे बातचीत की है। हलांकि अब तक बातचीत का मुद्दा पता नहीं चल पाया है। देखने वाली बात होगी कि भाजपा के संसदीय बोर्ड की बैठक के बाद क्या फैसला लिया जाता है।