पत्नी साबित करे कि वह संबंध बनाने की स्थिति में है कि नहीं: HC
मुंबई। क्या कभी ऐसा हो सकता है कि कोई पति अपनी पत्नी से इसलिए तलाक लेना चाहता है क्योंकि उसकी पत्नी ने कभी उसके साथ संबंध नहीं बनाया। वह उसके साथ संबंध बनाने की स्थिति में नहीं है?
मुंबई हाईकोर्ट में तलाक का बेहद अलग मामला
मुंबई हाईकोर्ट में ऐसा ही एक मामला आया है जिसमें एक पति ने अपनी पत्नी से इसलिए तलाक मांगा है क्योंकि वह उसके साथ संबंध बनाने की स्थिति में नहीं है। हालांकि महिला ने सिरे से पति के दावे को खारिज कर दिया है। महिला की ओर से कहा गया कि ऐसा कुछ भी नहीं है।
Pics: ओबामा, बिल गेट्स और अमिताभ ब्रेकफास्ट में क्या खाते हैं?
इसी मामले की सुनवाई के दौरान मुंबई हाईकोर्ट ने कहा कि अगर पत्नी पति के दावों को खारिज कर रही हैं तो उन्हें ये साबित करना होगा। उन्हें मेडिकल जांच के जरिए ये साबित करना होगा कि वह संबंध बनाने की स्थिति में है कि नहीं।
ये पूरा मामला साल 2011 में सामने आया था जब एक पति ने मुंबई की एक फैमिली कोर्ट में तलाक की याचिका दायर करते हुए दावा किया था कि उसकी पत्नी शारीरिक संबंध बनाने की स्थिति में नहीं है।
पति चाहता है पत्नी से तलाक
पति की ओर से कहा गया कि उसकी पत्नी ने अबतक उससे संबंध नहीं बनाया है। इसी को आधार बनाते हुए उस शख्स ने कोर्ट में पत्नी से तलाक की अर्जी दी थी।
बाहुबली से नेता बने शहाबुद्दीन 11 साल बाद जेल से हुए रिहा
हालांकि उस समय पत्नी ने कोर्ट में कहा कि उनके पति का दावा पूरी तरह से गलत है। जिसके बाद फैमिली कोर्ट ने महिला से इसे मेडिकल जांच के जरिए साबित करने के लिए कहा था।
फैमिली कोर्ट के आदेश के बाद महिला इस मामले को मुंबई हाईकोर्ट लेकर गई। महिला ने दावा किया कि पति ने जो दलीलें उसके खिलाफ दी हैं वह गलत हैं। महिला ने बताया कि 2011 में कोर्ट में अपील के बाद भी कई बार उनके संबंध अपने पति से बने थे।
फैमिली
कोर्ट
के
आदेश
को
पत्नी
ने
दी
है
हाईकोर्ट
में
चुनौती
महिला के दावों के बावजूद हाईकोर्ट ने फैमिली कोर्ट के आदेश को ही कायम रखा। यहां भी कोर्ट ने कहा कि पत्नी का दावा अगर सही है तो उसे मेडिकल जांच के जरिए इसे साबित करना होगा।
यूपीए के काल में एक और घोटाले की जांच में जुटा अमेरिका
मुंबई हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान जस्टिस केके तातेड़ ने महिला को आदेश दिया कि वह मुंबई के जेजे अस्पताल जाए और जरूरी मेडिकल जांच करवाए। हाईकोर्ट ने आगे महिला से ये भी स्पष्ट तौर पर कहा कि उसे फिजीकल और साइकोलॉजिकल टेस्ट के जरिये अपने दावे को साबित करना होगा।
बता दें कि याचिका दायर करने वाले पति-पत्नी की शादी दिसंबर, 2010 में हुई थी। उस समय महिला की उम्र 33 वर्ष थी जबकि पुरुष की उम्र 38 साल थी। बताया जा रहा है कि दोनों की ही ये दूसरी शादी थी।