बीएमसी चुनाव 2017: नितिन गडकरी बोले, बीजेपी-शिवसेना को आना होगा साथ, नहीं है कोई विकल्प
बीजेपी के वरिष्ठ नेता नितिन गडकरी ने कहा जैसे हालात दिखाई दे रहे हैं उसमें बीजेपी और शिवसेना फिर से एक साथ आने के अलावा कोई और रास्ता दिखाई नहीं दे रहा है।
मुंबई। बीएमसी चुनाव में भले ही बीजेपी और शिवसेना के बीच सीधे मुकाबले में शिवसेना ने दो सीटों से बाजी मार ली हो। बावजूद इसके बीएमसी में काबिज होने के लिए बहुमत किसी के पास नहीं है। बीएमसी के जो नतीजे सामने आए हैं उसके बाद वरिष्ठ बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बड़ा बयान दिया है।
बीएमसी चुनाव में शिवसेना को 84 और बीजेपी को 82 सीटें
नितिन गडकरी ने कहा कि बृहन्मुंबई नगर पालिका में शिवसेना और बीजेपी दोनों ही दलों के पास कोई विकल्प नहीं है। उन्हें एक बार फिर साथ आना ही होगा। दूसरी ओर शिवसेना के मुखिया उद्धव ठाकरे ने बीएमसी नतीजों के तुरंत बाद ही साफ कर दिया था कि बीएमसी का मेयर ही शिवसेना का नहीं होगा बल्कि महाराष्ट्र का सीएम भी शिवसेना का ही होगा। शिवसेना के मुखपत्र सामना में भी पार्टी ने अपना रुख साफ तौर से जता दिया है कि वो आग के रास्ते पर चलेगी और बिना किसी परेशानी के अपनी लड़ाई जारी रखेगी। सामना के संपादकीय में साफ लिखा है कि बीजेपी से हमारी लड़ाई जारी रहेगी। ये लड़ाई केवल सत्ता के लिए नहीं है बल्कि धर्म, आदर्श और महाराष्ट्र की अखंडता के लिए है।
बता दें कि बीएमसी चुनाव के नतीजे सामने आने पर शिवसेना को 84 और बीजेपी को 82 सीटें मिली हैं। इन आंकड़ों के सामने आने के बाद बीजेपी के वरिष्ठ नेता नितिन गडकरी ने कहा जैसे हालात दिखाई दे रहे हैं उसमें बीजेपी और शिवसेना फिर से एक साथ आने के अलावा कोई और रास्ता दिखाई नहीं दे रहा है। हालांकि आखिरी फैसला महाराष्ट्र मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस को करना है। बीएमसी ही महाराष्ट्र की 10 नगर पालिका चुनाव में बीजेपी और शिवसेना दोनों ही पार्टियां अलग-अलग चुनाव मैदान में उतरी थी। जिसमें बीजेपी को फायदा मिला था और पार्टी ने महाराष्ट्र की 10 में से 8 नगर पालिका पर कब्जा जमाया। वहीं बीएमसी चुनाव में 82 सीटें हासिल करके शिवसेना के 84 सीट के बाद दूसरे नंबर पर काबिज है।केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि आखिरी फैसला महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे को ही करना है। दोनों ही नेता समझदार हैं। मुझे पूरा विश्वास है कि वो सही फैसला करेंगे।
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