महाराष्ट्र में सरकार पर भाजपा का सस्पेंस बरकरार, शिवसेना बेकरार
मुंबई। महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर ऊभरी है, लेकिन वो बहुमत का आंकड़ा पूरा नहीं कर पाई। ऐसे में उसे समर्थन देने वालों को होड़ लगी हुई है। पूर्व सहयोगी शिवसेना ने भी हाथ बढ़ाने की पेशकश की तो एनसीपी ने बिना शर्त समर्थन की बात कर भाजपा को चुनने का मौका दे दिया।
ऐसे में भाजपा ने सरकार गठन को लेकर संस्पेंस और बढ़ा दिया है। भाजपा विधायकों की केंद्रीय पर्यवेक्षकों राजनाथ सिंह और जेपी नड्डा की मौजूदगी में होने वाली मीटिंग को आखिरी समय में टाल दिया गया। राजनाथ सिंह ने साफ र दिया है कि वो अब दिवाली के बाद मुंबई जाएंगे।
भाजपा का ये रवाया साफ-साफ दिखाता है कि भाजपा महाराष्ट्र में फिलहाल सरकार बनाने की जल्दी में नहीं है। वो शिवसेना या किसी और सहयोगी दल से बातचीत के मूड में नहीं है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक भाजपा पहले अपने मुख्यमंत्री और कैबिनेट को शपथ दिलाएंगे। फिर उसके बाद सदन में समर्थन जुटाने की कोशिश करेगी।
दरअसल अपने इस कदम के जरिए भाजपा शिवसेना पर जवाब बनाए रखना चाहती है। ऐसा करके वो शिवसेना को संदेश देना चाहती है कि वो उससे बातचीत कर सकती है, लेकिन बगैर किसी शर्त के साथ।भाजपा के पास बिना शिवसेना के भी सरकार बनाने का विकल्प है। भाजपा निर्दलीय विधायकों को साथ लेकर और शरद पवार की एनसीपी के बाहर से समर्थन के दम पर सदन में 145 विधायकों का सपोर्ट जुटा लेगी।