मध्यप्रदेश में जानवरों के सींग पर लगाए जा रहे रेडियम रिफ्लेक्टर्स, ताकि न हो एक्सीडेंट
भोपाल। अमूमन हम देखते होंगे कि रेडियम की पट्टियां रिफ्लेक्टर्स गाड़ियों से होने वाले एक्सीडेंट को कम करने के लिए प्रयोग में लाए जाते हैं लेकिन मध्यप्रदेश पुलिस ने जानवरों से होने वाले एक्सीडेंट्स की समस्या का नया हल निकाला है।
जानवरों से भिड़ कर किसी का एक्सीडेंट न हो इसलिए उनके सींग पर रेडियम रिफ्लेक्टर्स लगाए जा रहे हैं। ताकि जब यह इसकी रोशनी चमके तो ड्राइवर को इतना समय मिल सके कि वो जानवर से दूर जा सके और एक्सीडेंट न हो।
राज्य की बालाघाट पुलिस बीते 5 दिनों में करीब 100 जानवरों के सींग पर रेडियम रिफ्लेक्टर्स लगाए हैं।
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एएसपी ने बताई रेडिमयम लगाने की वजह
बालाघाट के एएसपी आकाश भूरिया ने कहा कि ' कई दुर्घटनाएं सिर्फ जानवारों की वजह से होती हैं।'
खरगोन में यह आइडिया गायों की दुर्घटना होने के साथ-साथ किसी तरह की सांप्रदायिक हिंसा से बचने के लिए प्रयोग में लाया जा रहा है।
अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार खरगोन के एसपी अमित सिंह ने कहा कि 'अगर किसी गाय के साथ हुई दुर्घटना में कोई मुस्लिम ड्राइवर शामिल हो तो बजरंग दल के लोग विरोध प्रदर्शन करेंगे और एक्सीडेंट सांप्रदायिक रूप ले लेगा।'
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गाय के लिए इसलिए शुरू हुआ रेडियम का इस्तेमाल
सिंह ने बताया कि पहले वो रेडियम रिफ्लेक्टर्स का इस्तेमाल बैलगाड़ी और ट्रैक्टर ट्रॉली के लिए करते थे क्योंकि कई बार वो भी एक्सीडेंट की वजह होते थे, फिर हमने इस आइडिया को आगे बढ़ाया और गायों के लिए भी इसे प्रयोग में लाना शुरु किया क्योंकि उनकी मौत हमेशा संवेदनशील मुद्दा रहा है।
हालांकि इस बारे में कोई सरकारी आदेश नहीं है और यह आइडिया प्रदेश के कुछ ही जिलों में ट्रैफिक पुलिस द्वारा प्रयोग में लाया गया है।
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पुलिस अधिकारी इस बात से भी इत्तेफाक रखते हैं कि यह बहुत ज्यादा काम नहीं करता क्योंकि रेडियम रिफ्लेक्टर्स जल्दी निकल जाते हैं और जानवरों की संख्या भी ज्यादा है।
बालाघट ट्रैफिक पुलिस के इंचार्ज कैलाश चौहान ने कहा कि यह आइडिया तब तक काम नहीं करेगा जब तक कि इसमें स्थानीय प्रशासन सहयोग न करे।