सिद्धारमैया ने नोट बैन से जनता की परेशानी पर अरुण जेटली को लिखी चिट्ठी
नोट बैन के बाद जनता की परेशानियों से अवगत कराते हुए का कारगर कदम उठाने की मांग।
कर्नाटक। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने वित्त मंत्री अरुण जेटली को नोट बैन के बाद आम लोगों को आ रही दिक्कतों के बारे में चिट्ठी लिखी है। इसमें उन्होंने आम लोगों की राहत के लिए कुछ कदम उठाए जाने की मांग की है।
केंद्र सरकार के 1000 और 500 के नोट पर बैन के बाद देशभर में कैश की कमी के चलते जनता परेशानी से जूझ रही है। ऐसे में केंद्र सरकार को कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने पत्र लिखकर कुछ राहतों की मांग की है।
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कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने वित्त मंत्री को लिखे पत्र में आम लोगों को भारी परेशानी की बात कहते हुए जल्दी और कारगर कदम उठाने की बात कही है।
मुख्यमंत्री ने वित्त मंत्री को बताया है कि लोगों को नोट बदलने और अपना बैंकों से धन निकालने, दोनों ही कामों में भारी परेशानी हो रही है।
2000 के नोट से कुछ नहीं होगा, छोटे नोट बैंको तक पहुंचाएं
सिद्धारमैया ने लिखा है कि बैंकों में भारी भीड़ है जबकि एटीएम मशीनों में कैश ही नहीं है, इस स्थिति छह दिन हो गए हैं और लोगों के सामने कई तरह की परेशानी आ रही है।
सिद्धारमैया ने सरकार की बिना तैयारी के इतना बड़ा फैसला लेने के लिए सरकार की आलोचना करते हुए बैंकों को तुरंत 500 के नोट भेजे जाने की मांग की है।
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सिद्धारमैया ने मांग की है कि जिन जगहों पर (पैट्रोल पंप, बिजली बिल और सरकारी अस्पताल आदि) 24 नवंबर तक पुराने नोट मान्य है, वहां 31 दिसंबर तक पुराने नोट मान्य किए जाएं।
सिद्धारमैया ने लिखा है कि 2000 के नोट से कोई हल नहीं हो पा रहा है क्योंकि उसके चेंज नहीं मिल पा रहे हैं। ऐसे में 500 के नए नोट और दूसरे छोटे नोट बैंकों में भेजे जाएं।
जल्दी ही किसी कारगर कदम की उम्मीद
सिद्धारमैया ने अस्पतालों और दूसरी जरूरी जगहों पर कैश की वजह से हो रही परेशानी का हवाला दिया है। मुख्यमंत्री ने लिखा है कि बाजार में कैश ना होने की वजह से भंयकर नुकसान व्यापारियों को हो रहा है।
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सिद्धारमैया ने कहा है उन्हें उम्मीद है कि जनता की परेशानी को समझते हुए जल्दी ही कुछ उपाय करेगी और जनता को कुछ राहत मिलेगी। उन्होंने कहा कि राज्य में वो लोगों को हो रही परेशानी को देख बेहद आहत हैं।
आपको बताते चलें कि 8 नवंबर को पीएम मोदी ने देश के नाम संबोधन में 500 और 100 के नोटों पर पाबंदी की घोषणा कर दी थी। इसके बाद से देशभर में कैश को हालात बदतर हैं।