मुलायम की मजबूरी हैं, सपा में शिवपाल इसलिए जरूरी है?
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के भीतर जिस तरह से घमासान मचा हुआ है उसे देखते हुए सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव की मुश्किल काफी बढ़ती हुई दिख रही है। उनके लिए एक तरफ जहां उनका छोटा भाई है तो दूसरी तरफ उनका खुद का बेटा।
सपा से शिवपाल की हुई विदाई तो होंगे ये 5 नुकसान
मुलायम सिंह यादव ने पिछले कुछ दिनों में जिस तरह से शिवपाल सिंह यादव को मनाने की कोशिश की लेकिन बावजूद इसके शिवपाल सिंह यादव ने ना सिर्फ मंत्री पद से इस्तीफा दिया बल्कि पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के पद से भी इस्तीफ दे दिया।
क्या होगा शिवपाल का राजनैतिक विकल्प
हालांकि शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि वह पार्टी के सिपाही के तौर पर काम करते रहेंगे और नेताजी के फैसले को मानेंगे। लेकिन इन सब से इतर जिस तरह से शिवपाल सिंह यादव आक्रामक दिख रहे हैं उसे देखते हुए यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या वह एक राजनैतिक विकल्प बनाने की योजना बना रहे हैं।
शिवपाल गए तो बिखर जाएगी पार्टी
अगर शिवपाल सिंह यादव पार्टी से बाहर जाते हैं तो सपा के लिए यह बड़ा झटका होगा। ऐसे में अगर पार्टी के भीतर शिवपाल सिंह को कोई महत्वपूर्ण बताता है तो वह खुद मुलायम सिंह यादव हैं। हाल ही में एक रैली के दौरान अखिलेश यादव की मौजूदगी में मुलायम सिंह ने कहा था कि अगर शिवपाल पार्टी से बाहर जाते हैं तो सपा बिखर जाएगी।
मुलायम के करीबियों ने भी माना शिवपाल का लोहा
मुलायम सिंह के जो करीबी हैं उनका मानना है कि अगर शिवपाल सिंह यादव पार्टी छोड़ते हैं तो आगामी चुनाव जीतना सपा के लिए असंभव हो जाएगा। उत्तर प्रदेश में शिवपाल सिंह यादव को सपा परिवार का अहम हिस्सा माना जाता है। उन्हें मुलायम सिंह यादव के बाद पार्टी का दूसरा सबसे अहम नेता माना जाता है।
कार्यकर्ताओं में गहरी पैठ हैं शिवपाल की
एक तरफ जहां मुलायम सिंह राष्ट्रीय राजनीति को देखते हैं तो शिवपाल सिंह यादव पार्टी के कार्यकर्ताओं को जमीनी रूप पर मजबूत करने का काम करते हैं। पार्टी के भीतर शिवपाल सिंह यादव की लोकप्रियता भी काफी है, ऐसे में मुलायम सिंह यादव को इस बात का भी खतरा है कि पार्टी का एक बड़ा काडर उनसे दूर हो सकता है।हालांकि अखिलेश यादव सपा के चेहरे के तौर पर जाने जाते हैं, लेकिन ऐसे में उनपर जो बड़ा सवाल उठता है वह यह कि क्या वह बड़ी संख्या में पार्टी वर्कर को संभाल सकते हैं। वह मुख्य रूप से लखनऊ पर ध्यान देते हैं, जबकि शिवपाल सिंह जमीनी कार्यकर्ताओं को पार्टी से जोड़ने का काम करते हैं।
सिर्फ भाई होना ही शिवपाल की यूएसपी नहीं
यहां एक बात यह गौर करने वाली है कि शिवपाल सिंह सिर्फ मुलायम सिंह के भाई होने की वजह से ही सिर्फ पार्टी में महत्ता नहीं है। बल्कि वह पार्टी की जीत में बड़ी भूमिका निभाते आएं हैं। ऐमें दूर दराज के इलाकों से बड़ी संख्या में वोटरों को सपा की ओर मोड़ने में हमेशा से ही शिवपाल बड़ी भूमिका निभाते आएं हैं।
क्या है मुलायम की बड़ी चिंता
शिवपाल हमेशा से ही अपने शांत स्वभाव के लिए जाने जाते हैं। इसी स्वभाव के चलते पार्टी कार्यकर्ता उनके लिए हर काम को पूरा करने में अपनी पूरी ताकत झोंकते हैं। यही वहज कि मुलायम सिंह यादव पार्टी कार्यकर्ताओं को लेकर ज्यादा चिंतित नहीं रहते हैं।
यादव-मुस्लिम वोटों के समीकरण को समझते हैं शिवपाल
शिवपाल पार्टी के लिए यादव व मुस्लिम वोटों को साधने में भी अहम भूमिका निभाते हैं। यह दोनों ही संप्रदाय सपा के लिए यूपी में काफी अहम हैं। ऐसे में ये लोग सपा को ही वोट करें इसकी पूरी जिम्मेदारी शिवपाल सिंह ही संभालते हैं।