कौन संभालेगा जयललिता की विरासत, दोस्त या परिवार का सदस्य?
एक तरफ जहां शशिकला ने अभी तक किसी भी तरह की घोषणा नहीं है कि वह पार्टी कमान संभालेंगी तो दूसरी तरफ दीपा भी चुप
चेन्नई। तमिलनाडु की मुख्यंत्री जयललिता की मृत्यु के बाद उनकी विरासत को लेकर जंग छिड़ गई है कि कौन उनकी खाली जगह को भरने के लिए आगे आएगा। एक तरफ जहां एआईएडीएमके शशिकला को पार्टी की कमान सौंपना चाहती है तो दूसरी तरफ जयललिता की भतीजी दीपा जयकुमार अम्मा की विरासत को अपने हाथ में लेना चाहती हैं।
सोशल मीडिया पर जयललिता की कथित बेटी का सच
शशिकला
के
पक्ष
में
पार्टी
का
एक
धड़ा
जयललिता
के
साथ
शशिकला
लंबे
समय
तक
साथ
रही
थी,
ऐसे
में
एआईएडीएमके
के
लोग
उन्हें
ही
अपनी
चिन्नमा
यानि
नेता
बता
रहे
हैं,
जिससे
साफ
है
कि
वह
उन्हें
ही
पार्टी
की
कमान
सौंपना
चाहते
हैं।
पार्टी
पुराने
सदस्यों
का
मानना
है
कि
जयललिता
की
प्रशासनिक
क्षमता
के
पीछे
शशिकला
का
अहम
योगदान
था।
वहीं
दीपा
में
जयललिता
की
छवि
को
लोग
नजरअंदाज
नहीं
करना
चाहते
हैं।
शशिकला
के
लिए
दीपा
चुनौती
एक
पत्रकार
का
कहना
है
कि
दीपा
ने
कभी
यह
नहीं
कहा
कि
उन्हें
अगर
पार्टी
की
जिम्मेदारी
दी
गई
तो
वह
इसे
नहीं
उठाएंगी।
पार्टी
के
कार्यकर्ताओं
में
दो
फांड़
हो
रहे
हैं
एक
गुट
शशिकला
को
पार्टी
का
मुखिया
बनाना
चाहता
है
तो
दूसरी
तरफ
लोग
दीपा
को
भी
पार्टी
की
मुखिया
बनाने
के
पक्ष
में
हैं।
जयललिता
के
चेहरे
पर
मौजूद
इन
चार
निशानों
का
रहस्य
गहराया
शशिकला
पर
पुराने
आरोप
राह
का
रोड़ा
आपको
बता
दें
कि
शशिकला
को
पार्टी
विरोधी
गतिविधियों
के
चलते
पार्टी
से
पार्टी
से
बाहर
का
रास्ता
दिखा
दिया
गया
था।
जिसके
चलते
पार्टी
के
भीतर
उन्हें
मुखिया
बनाए
जाने
को
लेकर
मतभेद
उठ
रहे
हैं,
कई
लोग
उनके
प्रतिनिधित्व
पर
सवाल
उठा
रहे
हैं।
दीपा
ने
भी
नहीं
खोले
हैं
पत्ते
हालांकि
शशिकाल
ने
आधिकारिक
रूप
से
अपना
फैसला
अभी
नहीं
सुानया
है
कि
वह
पार्टी
की
अध्यक्ष
होंगी।
दीपा
ने
भी
अभी
तक
ना
तो
पार्टी
ना
ही
अम्मा
की
संपत्ति
पर
किसी
भी
तरह
की
दावेदारी
ठोंकी
है।
दीपा ने अपने कई साक्षात्कार में कहा है कि उसने जयललिता से मिलने की कई कोशिशें की थीं लेकिन उसे कभी मौका नहीं दिया गया उनसे मिलने का। उन्होंने दावा किया था कि जयललिता से उन्हें जानबूझकर दूर रखा गया था।