यूपी में ये नौबत आयी कि अब पुलिस चिल्ला रही पकड़ो-पकड़ो...
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी को सजाने संवारने के बड़े-बड़े दावे किये जा रहे है। लखनऊ को स्मार्ट सिटी बनाने और चारबाग रेलवे स्टेशन को वर्ल्ड क्लास की सुविधाओं वाला स्टेशन बनाने का सरकारों का दावा है। खैर ये दावे सच हो भी गये और चारबाग वर्ल्ड क्लास रेलवे स्टेशन बन भी गया, तो उसकी सुरक्षा किसके हाथों में होगी? जीआरपी? ओहो... ये जीआरपी क्या सुरक्षा करेगी, जो कैदी के भागने पर खुद चिल्लाती है... पकड़ो, पकड़ो....
जी हां यह घटना है लखनऊ की जहां जीआरपी थाने के भीतर से कैदी पुलिस वालों के सामने से भाग गया और पुलिस वाले पकड़ो-पकड़ो चिल्लाते रहे। खैर भला हो उन यात्रियों का जिन्होंने उस कैदी को पकड़ने में पुलिस की मदद की।
लखनऊ रेलवे स्टेशन पर मूत्र विसर्जन करने वालों की धरपकड़
बुधवार की सुबह तकरबीन 7 बजे का यह नजारा देख स्टेशन पर मौजूद लोगों को यह यकीन नहीं हो रहा था कि ये वही जीआरपी पुलिस है जो उन्हें सुरक्षा देने का दावा करती है। दरअसल जिस कैदी को पुलिस पकड़ो-पकड़ो चिल्ला रही थी वह कोई और नहीं बल्कि खुद एक सिपाही था और उसे जेब काटने के आरोप में पुलिस ने गिरफ्तार किया था। आरोपी का नाम अजय सिंह है।
जीआरपी की नाकामी का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि जब अजय शौच करने के लिए बाहर निकला तो वह सबके सामने से फरार हो गया। लेकिन जब पुलिस वालों ने मदद की गुहार लगायी तो कुछ लोगों ने अजय को धर दबोचा जिसके बाद पुलिस वालों ने वापस उसे जेल में बंद कर दिया।
वहीं जब इस बाबत जीआरपी पुलिस से पूछा गया तो वह खुद की नाकामी को छिपाने के लिए इसे महज संदिग्ध आरोपी बताकर रफा-दफा करने में लगी है। यही नहीं पुलिस आरोपी अजय सिंह को मानसिक विक्षिप्त बता रही है। वहीं जब वन इंडिया ने अजय से पूछताछ की तो उसने अपना नाम तो बताया लेकिन पुलिस ने क्यों उसे जेल में बंद किया यह बताने से इनकार कर दिया।
सुबह जब भागा कैदी
यह उस वक्त की तस्वीर है जब कैदी पुलिस चौकी से भागा।
पुलिसकर्मी इस तरह पकड़ने दौड़े
कैदी को पकड़ने के लिये पुलिसकर्मी दौड़े।
झटपट भागा कैदी
पटरियां पार करके झटपट कैदी भाग निकला।
लोगों ने देखा पुलिस है परेशान
प्लेटफॉर्म पर पुलिस को परेशान देख लोग मदद के लिये दौड़े।
मिल गई सफलता
इन युवकों ने कैदी को पकड़ लिया।
युवक कैदी को पकड़ कर थाने ले गये
फिर ये लोग कैदी को पकड़कर थाने ले गये।
यह है वो कैदी (बीच में)
दो लोगों के बीच में यह युवक ही असल में फरार कैदी है।
अंतत: फिर सलाखों के पीछे
अंतत: फिर से उसे सलाखों के पीछे डाल दिया गया।