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यूपी चुनाव: भाजपा की सियासी यात्रा में कौन-कौन शामिल?

By हिमांशु तिवारी आत्मीय
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उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनावों के मद्देनजर सरगर्मियां लगातार बढ़ती जा रही हैं। ऐसे में सियासी दलों के नेताओं द्वारा यूपी के विभिन्न क्षेत्रों का लगातार दौरा किया जा रहा है। इसी क्रम में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्या बहराईच के लिए रवाना हुए। इस बीच कुछ लोगों ने टिकट के लिए खुद को बेहतर बताते हुए केशव के स्वागत में कोई कोरकसर न छोड़ने का प्रयास किया।

Keshav Prasad Maurya

स्वागत कार्यक्रम में मुख्य रूप से बाराबंकी जिले के अध्यक्ष अवधेश श्रीवास्तव, भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा के प्रदेश प्रवक्ता रामबाबू द्विवेदी, पूर्व एमएलसी रामनरेश रावत, हरिगोविंद सिंह, जंग बहादुर पटेल शामिल रहे। दरअसल स्वागत हेतु अपने समर्थकों के साथ आए भाजपा नेता कहीं न कहीं खुद को किसी न किसी क्षेत्र से बेहतर बताने का प्रयास कर रहे हैं। ताकि टिकट मिल जाए।

इन विधानसभाओं पर ये नेता चाहते हैं टिकट

रामनगर और रामबाबू द्विवेदी

भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा के प्रदेश प्रवक्ता रामबाबू द्विवेदी बाराबंकी जिले के रामनगर क्षेत्र से टिकट की आस लगा रहे हैं, हालांकि प्रवक्ता द्विवेदी रामनगर में काफी लंबे वक्त से सक्रिय रहे हैंं। बीते दो विधानसभा चुनाव में इस क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी को लगातार निराशा हाथ लगती रही है। 2007 में राजलक्ष्मी वर्मा को पार्टी ने भाजपा की ओर से रामनगर की कमान सौंपी लेकिन उन्हें विजयी रहे अमरेश शुक्ला के मुकाबले 20407 मत ही मिले। जबकि अमरेश शुक्ला ने 30363 मतों के साथ जीत हासिल की।

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2012 में भाजपा ने राम सजीवन वर्मा पर दांव लगाया लेकिन इस बार तो हालत और भी बद्तर हो गई। उन्हें महज 7439 मत ही मिले जबकि विजेता रहे अरविंद सिंह गोप ने 77428 मतों से जीत हासिल की। बहरहाल पिछले कई वर्षों से प्रवक्ता द्विवेदी इस क्षेत्र में काफी सक्रिय हैं।

उम्मीद जताई जा रही है कि इस क्षेत्र में हाल ही में कांग्रेस से पलायन कर सपा में आए बेनी प्रसाद वर्मा के पुत्र राकेश वर्मा सपा के टिकट पर चुनाव लड़ सकते हैं। जबकि सपा से विधायक और उत्तर प्रदेश में मंत्री गोप को लखनऊ के बीकेटी से उम्मीदवार घोषित किया जा सकता है। अब भाजपा का शीर्ष दल किस लिहाज से टिकट देता है ये तो वही जाने।

नवाबगंज से हरिगोविंद?

कभी बसपा के दामन से जुड़े रहे, विधान परिषद सदस्य हरिगोविंद सिंह ने भाजपा में पलायन किया। जानकारी की मानें तो नए परिसीमन में समाप्त हो चुकी नवाबगंज सीट, नवसृजित बाराबंकी सीट से टिकट चाह रहे हैं। आपको बता दें कि पिछले विधानसभा चुनाव यानि की 2012 में इस सीट से 82343 वोटों के साथ सपा के उम्मीदवार धर्मराज ने जीत हासिल की थी।

उनके निकटतम प्रतिद्वंदी संग्राम सिंह को 59573 मिले थे। माना जाता है कि भाजपा की स्थिति यहां पर भी कुछ ठीक नहीं है फिर किस करिश्में के साथ हरिगोविंद इस सीट को जीत सकते हैं ये सवाल के तौर पर बार-बार लोगों के जहन में चमक रहा है। हां महज किसी खास चेहरे को मुख्यमंत्री पद पर प्रोजेक्ट करते हुए यदि पार्टी चुनाव लड़ती है तो परिणाम कुछ कहे नहीं जा सकते। माना जा रहा है कि इस बार फिर से संग्राम सिंह इस सीट से अपनी किस्मत आजमाएंगे।

जंग बहादुर पटेल

सियासी दलों के नेताओं की मानें तो एक के बाद एक पार्टियों से पलायन करते हुए कल्याण सिंह के सहारे जंग बहादुर भाजपा में आ गए। वे अब भारतीय जनता पार्टी से नवाबगंज के टिकट की आस लगा रहे हैं। हालांकि टिकट के लिए उम्मीदवार यदि हरिगोविंद सिंह हैं तो जंग बहादुर पटेल भी। ऐसे में किसे नजरंदाज किया जाएगा ये तो आने वाला वक्त ही सुनिश्चित करेगा।

बछरावां से राम नरेश रावत?

भाजपा में राष्ट्रीय प्रभारी प्रशिक्षण अनुसूचित जाति मोर्चा एवं पूर्व एमएलसी रहे राम नरेश रावत रायबरेली के बछरांवा से चुनाव लड़ने का मन बना रहे हैं। 2012 में हुए विधानसभा चुनाव में सपा प्रत्याशी राम लाल अकेला ने 59576 मतों से जीत हासिल की थी।

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सुशील कुमार पासी 31628 मतों के साथ दूसरे स्थान पर थे। राम नरेश रावत का जीत का रिकॉर्ड कुछ ज्यादा बेहतर नहीं रहा, ऐसे में पार्टी क्या निर्णय लेती है ये तो उम्मीदवारों के नामों पर मुहरबंदी के बाद ही पता चलेगा। हां अनुसूचित मोर्चे की वजह से पार्टी शायद नजरंदाज करना उचित न समझे।

सम्पूर्ण उत्तर प्रदेश के लिहाज से गर बात की जाए तो भाजपा की सियासी यात्रा में पीएम नरेंद्र मोदी से लेकर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, सुनील बंसल समेत सभी लोग शामिल हैं। हां इतना जरूर है कि इस सफर में चंद लोग नाराज होंगे तो कुछ खुश। देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा किसे नजरंदाद कर किसे गले लगाती है। और उसका क्या परिणाम सामने आता है।

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English summary
In Uttar Pradesh elections we are talking about the people who have desire for the tickets.
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