राम मंदिर का मुद्दा छोड़ने पर अटलजी को भी करना पड़ा था हार का सामना- स्वामी
लखनऊ। यूपी में विधानसभा चुनाव की दस्तक के साथ राम मंदिर का मुद्दा एक बार फिर से उठने लगा है। भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने इलाहाबाद में एक कार्यक्रम के दौरान राम मंदिर के मुद्दे को एक बार फिर से बड़ा बयान दिया है।
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राम मंदिर के बिना अटलजी भी हारे थे
स्वामी ने कहा कि राम मंदिर ने भाजपा को दो-तीन बार फायदा पहुंचाया है, वहीं जब अटलजी ने राम मंदिर के मुद्दे को छोड़ा और इंडिया शाइनिंग के मुद्दे को लेकर चुनावी मैदान में उतरे थे उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।
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भाजपा के घोषणा पत्र में है राम मंदिर
राम मंदिर के निर्माण के मुद्दे पर स्वामी ने कहा कि यह भाजपा के चुनावी घोषणा पत्र में है, ऐसे में यह अहम मुद्दा है, मौजूदा समय में यह मामला सुप्रीम कोर्ट में है और मैं इस मामले में याचिकाकर्ता हूं ।
स्वामी ने कहा कि मैं खुद 6 बार संसद में गया हूं और दो बार यूपी से राज्यसभा में गया हूं। उन्होंने कहा कि मुझे पहली बार नानाजी देशमुख ने संसद भेजा था।
तीन मुद्दे पर जीते जाते हैं चुनाव
भाजपा के विकास के मुद्दे पर बोलते हुए स्वामी ने कहा कि सिर्फ विकास के आधार पर कौन सी पार्टी जीती है, 1952 से लेकर आजतक के चुनावों पर नजर डालें तो विकास, सामाजिक और धार्मिक मुद्दे पर ही चुनाव लड़ा जाता आया है।
कोर्ट करेगा फैसला
ऐसे में भाजपा को इस बात का फैसला लेना होगा कि यूपी में चुनाव में किसे अधिक प्राथमिकता देनी है। स्वामी ने कहा कि राम मंदिर का मामला कोर्ट में है और यह कोर्ट और कानून द्वारा ही पूरा होगा।
स्वामी ने कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट इस मामले की सुनवाई करे तो दो महीने में इसका फैसला आ सकता है। उन्होंने कहा कि अगर भाजपा राम मंदिर के मुद्दे पर कदम नहीं उठाती है तो उसे लोग वोट नहीं देंगे।
मस्जिद को किया जा सकता है स्थानांतरित
मस्जिद को स्वामी ने नमाज पढ़ने का हाल बताते हुए कहा कि इसे कहीं भी स्थानांतरित किया जा सकता है। अगर भाजपा मंदिर निर्माण के मुद्दे को नहीं उठाती है तो मैं अकेला ही इसे बनवाने की प्रक्रिया शुरु कर दुंगा।