शिवपाल सिंह ने पीएम से अपने दामाद के लिए लगायी थी गुहार
लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी में यूं तो छत्तीस का आंकड़ा है लेकिन निजी काम के लिए जिस तरह से शिवपाल सिंह यादव ने पीएम मोदी को पत्र लिखा है उसने साफ कर दिया कि राजनीति में प्रतिद्वंदिता को गंभीरता से नहीं लेना चाहिए। कैबिनेट मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखकर अपने दामाद के लिए सिफारिश की है।
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इस पत्र में उन्होंने अपने दामाद के लिए पीएम मोदी से नियमों में ढिलाई देने की अपील की थी। दरअसल शिवपाल सिंह के दामाद अजय यादव आईएएस हैं और वह डेप्यूटेशन पर हैं। मौजूदा समय में वह यूपी के बाराबंकी जिले में हैं। वह 2010 बैच के आईएएस हैं लेकिन उनका ममूल काडर तमिलनाडु हैं।
नियमों के अनुसार डेप्युटेशन में कम से कम 9 साल तक अपनी सेवा देना अनिवार्य हैं। लेकिन वर्ष 2015 में 28 अक्टूबर को अजय यादव को प्रतिनियुक्ति देकर उन्हें तीन साल के लिए यूपी में तैनात किया गया। प्रशासनिक अधिकारियों की तैनाती का फैसला एसीसीस यानि अप्वाइंटमेंट कमेटी ऑफ कैबिनेट लेती है, जिसका अध्यक्ष प्रधानमंत्री होता है। लेकिन तैनाती की मंजूरी पहले कार्मिक मंत्रालय के पास जाती हैं।
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कार्मिक मंत्रालय अजय यादव की अर्जी को पहले ही तीन बार खारिज कर चुका है। लेकिन इन सब के बाद अजय यादव को प्रतिनियुक्ति दी गयी। अजय यादव ने अपने बच्चे व मां की बीमारी का हवाला देते हुए यूपी में पोस्टिंग मांगी थी लेकिन कार्मिक मंत्रालय ने इसे ठुकरा दिया था।
दरअसल अजय यादव 2010 के बैच के आईएएस हैं और उनकी सेवाकाल को अभी 9 साल नहीं हुए थे जिसकी वजह से उनकी अर्जी को ठुकरा दिया गया था। लेकिन जब शिवपाल सिंह यादव ने पीएम मोदी से सिफारिश की तो पीएमओ की सिफारिश को भी कार्मिक मंत्रालय ने ठुकरा दिया था।
हालांकि कार्मिक मंत्रालय ने पीएमओ के पत्र के बाद मीटिंग कर इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया लेकिन बावजूद इसके एसीसी ने अक्टूबर 2015 में अजय यादव के मामले को विशेष मामला बताते हुए तीन साल के लिए डेप्युटेशन देने की अर्जी पर मुहर लगा दी।