यूपी का सियासी संग्राम- नेताजी से मुलाकात के बाद शिवपाल लेंगे अंतिम फैसला
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजनीति में पिछले चौबीस घंटों से घमासान मचा हुआ है। इसकी शुरुआत सोमवार को दो मंत्रियों को बर्खास्त करने के साथ हुई। इसके बाद प्रदेश के मुख्य सचिव को हटाने के बाद इस क्रम को जारी रखा गया। लेकिन जिस तरह से मंगलवार देर शाम शिवपाल यादव को प्रदेश सपा का अध्यक्ष बनाया गया और उसके बाद उनसे तीनों अहम मंत्रालय छीन लिए गए उसने यूपी की सियासत में भूचाल ला दिया।
...तो इन वजहों से शिवपाल को सौंपी गई प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी
शिवपाल सिंह यादव से तीनों मंत्रालय छीने जाने के बाद माना जा रहा था कि वह मंत्रिपरिषद से इस्तीफा दे सकते हैं। लेकिन इस अटकल पर फिलहाल शिवपाल यादव ने ब्रेक लिया दिया है। उन्होंने कहा कि मंत्रियों को हटाना मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी है। शिवपाल सिंह ने कहा कि नेताजी जो भी फैसला लेंगे वह हमें स्वीकार होगा।
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उन्होंने कहा कि यूपी की जनता नेताजी और समाजवादी पार्टी के साथ है। उन्होंने कहा कि वह संगठन के लिए काम करेंगे और सड़क पर उतरेंगे।
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अपने आगे के फैसले के बारे में शिवपाल ने कहा कि नेताजी से बात हुई और उनसे मिलने के बाद ही कोई फैसला लेंगे। हालांकि उन्होंने परिवार के भीतर किसी भी तरह के मतभेद से इनकार किया है लेकिन जिस तरह से हाल का घटनाक्रम रहा है उसे देखकर साफ कहा जा सकता है सपा कुनबे में सबकुछ ठीक नहीं है।